गढ़चांदुर
गढ़चांदुर शहर में बाल-गोपालों का तान्हा पोला उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर बच्चों के उत्कृष्ट नंदीबैलों को पुरस्कार दिए गए. इस उत्सव में सांप्रदायिक सद्भाव के भी दर्शन हुए. पहला पुरस्कार रऊफ खान बजीरखान और प्रमोद बुरडकर की ओर से ऋतिक डाकरे को दिया गया.
कृष्णा डाकरे को दूसरा पुरस्कार मिला, जिसे हंसराज चौधरी और विक्की उरकुडे की ओर से दिया गया. तीसरा पुरस्कार पापैयाजी पोन्नमवार की ओर से मयूर डाकरे को, चौथा पुरस्कार पटवारी वाटेकर की ओर से श्रेयस डांगे को दिया गया. सांत्वना पुरस्कार ईश्वरी वडटकर, सिद्धार्थ भोजेकर, दुर्गेश कोल्हे, पूर्वा चाफले, प्रमोद बुरडकर, गणेश सोनटक्के, वैभव रागीट और सागर बावणे को दिए गए.
पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में गढ़चांदुर के थानेदार तिवारी के अलावा रमेश काकडे, हंसराज चौधरी, पापैयाजी पोन्नमवार, रऊफ खान, महेंद्रकुमार ताकसांडे, रघुनाथ देवालकर, महादेव नागपुरे, उपप्राचार्य सुभाष पात्रीकर, प्रा. विजय आकनुरवार, प्रा. शरद बेलोरकर, सुरेश मेश्राम, शंकर आगलावे, वाटेकर पटवारी, सतीश उपलेंचवार, महादेव डाकरे, डॉ. बंडू आकनुरवार, उद्धव पुरी, मनोज भोजेकर, केशव डोहे, गजानन पानघाटे, वासुदेव जगफाडे आदि उपस्थित थे.
इस अवसर पर हर साल पोला उत्सव पर सक्रिय हिस्सा लेने वाले रमेश काकडे का थानेदार के हाथों शाल-श्रीफल देकर सत्कार किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रा. विजय आकनुरवार ने किया, जबकि आभार प्रा. शरद बेरोलकर ने माना.