पालि साहित्य में वर्णित भगवान बुद्ध के श्रेष्ठ गुण

  तथागत बुद्ध ने बुद्धत्व प्राप्ति (ई. पूर्व ५८८) से लेकर महापरिनिर्वाण पर्यन्त (ई. पूर्व ५४३) जो कुछ उपदेश किए, सब मौखिक ही। उन्होंने किसी ग्रन्थ का न तो प्रणयन किया और न ग्रन्थ रूप में किसी उपदेश विशेष को दिया। उन्होंने समय-समय पर...

by Nagpur Today | Published 10 years ago
By Nagpur Today On Monday, May 4th, 2015

पालि साहित्य में वर्णित भगवान बुद्ध के श्रेष्ठ गुण

  तथागत बुद्ध ने बुद्धत्व प्राप्ति (ई. पूर्व ५८८) से लेकर महापरिनिर्वाण पर्यन्त (ई. पूर्व ५४३) जो कुछ उपदेश किए, सब मौखिक ही। उन्होंने किसी ग्रन्थ का न तो प्रणयन किया और न ग्रन्थ रूप में किसी उपदेश विशेष को दिया। उन्होंने समय-समय पर...