नागपुर: नक्सल आंदोलन में मास्टर माइंड की भूमिका निभाने वाले प्रो जी एन साईबाबा ( 48 ) ने हाईकोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है। नक्सली आंदोलन से जुड़ाव रखकर देश विरोधी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के आरोपी साईबाबा उम्र कैद की सज़ा भुगत रहा है।
लगभग एक महीने पहले साईबाबा के वकील ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में सज़ा को रद्द करने और ज़मानत के लिए याचिका दाखिल की थी। मंगलवार को इसी मामले की सुनवाई थी लेकिन आरोपी के वकील ने तकनिकी कारणों की वजह से अपनी याचिका वापस ले ली। साईबाबा के वकील ने अदालत में कहाँ की अपने मुद्दे को और मजबूत करने के लिए कुछ और तथ्यों को एकत्रित करना है इसलिए उनके द्वारा याचिका वापस ली जाती है। अदालत ने बचाव पक्ष को दुबारा अपील करने का मौका दिया है।
दिल्ली विश्विद्यालय में बतौर इंग्लिश के प्रोफ़ेसर कार्यरत रहे जी एन साईबाबा पर नक्सली आंदोलन में सक्रियता के चलते गढ़चिरोली पुलिस ने 9 मई 2014 को गिरफ़्तार किया था। जिसके बाद गढ़चिरोली के सेशंस कोर्ट ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई। अदालत के फैसले के बाद साईबाबा नागपुर सेंट्रल जेल में सज़ा भुगत रहा है। शारीरिक तौर पर दिव्यांग साईबाबा 7 मार्च 2017 को सुनाये गए फ़ैसले के विरोध हाईकोर्ट गया है।