Published On : Sat, Apr 4th, 2015

नागपुर : निजी अस्पतालों में स्वास्थ जांच फी सुनिश्चित करने हेतु पालकमंत्री के निर्देश

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20 प्रतिशत बेड्स गरीबों हेतु आरक्षित रखे

MLA Bawankule
नागपुर। नागपुर शहर एवं जिले में कार्यरत निजी एवं कार्पोरेट अस्पतालों में विभिन्न रोगों की जांच हेतु जांच फी सुनिश्चित न होने से गरीब रुग्णों एवं मध्यवर्गीय नागरिकों की स्थिति भांपते हुए पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त और इंडियन मेडिकल असोसिएशन को पत्र लिखकर फ़ीस दर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है. अस्पतालों में उपलब्ध सुविधा निर्देशित करने हेतु लिखित फलक लगाने को भी कहा गया है.

पत्र में पालकमंत्री ने कहा कि शासन निजी अस्पतालों को यंत्रसामग्री, बिजली एवं अन्य स्वास्थ सामग्री हेतु सहुलियत देती है. एवं बदले में नियमानुसार गरीबो हेतु 20 प्रतिशत बेड्स उपलब्ध होने चाहिए. केंद्र शासन में क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत निजी अस्पतालों हेतु रूपरेशा तैयार की है. इस रूपरेशा में स्वास्थ फी निर्देशीत करना आवश्यक माना गया है. सभी कोशिशे नाकाम होती जा रही है. 20 प्रतिशत गरीबों हेतु स्वास्थ सुविधा देने हेतु शासन प्रतिबद्ध है. पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि, सभी अस्पतालों में आय.सी.यु. उपलब्ध है, किंतु प्रतिदिन फी अलग-अलग है. अस्पतालों में स्वास्थ जाँच फी अस्पष्ट होने से आर्थिक बोझा रुग्णों पर पड रहा है.

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भारतीय आयुर्रविज्ञान संस्था ने भी अस्पतालों में स्वास्थ फी सुनिश्चित करने हेतु कोशिशे की किंतु कामयाबी नही मिली. निजी अस्पतालों का जाल घना है. एवं रुग्णों हेतु सकारत्मक दृष्टी नही है. नागपुर शहर के अस्पतालों में 3000 बीएड उपलब्ध है. किंतु 20 प्रतिशत बेड गरीबों हेतु उपलब्ध नही रहते. सभी उपरोक्त बातों का विचार कर दो बाते स्पष्ट उभर कर आई है. 1-रुग्णों को ज्यादा का आर्थिक बोझ सहन करना पड़ता है. 2- निजी अस्पतालों में गरीब रुग्णों को उपलब्ध सुविधा का लाभ नही मिलता.

उक्त बातें को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ उपचार हेतु जाँच फी सुनिश्चित करने एवं अस्पतालों में 20 प्रतिशत बेड गरीबों हेतु आरक्षित रखने हेतु पालकमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए है. तद संबंधी कार्रवाई अहवाल देने को विभागीय आयुक्त,जिलाधिकारी,मनपा आयुक्त और इंडियन मेडिकल असोसिएशन अध्यक्ष को कहा गया है.

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