Published On : Wed, Oct 8th, 2014

नागपुर : मुर्गा, मटन पार्टियों में डूबने लगी राजनीति

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जीते कोई भी, सत्ता तो रहेगी देशमुख परिवार के पास ही

anil Deshmukh
नागपुर।
काटोल निर्वाचन क्षेत्र का संघर्ष दिलचस्प होता जा रहा है. आरोप -प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. इस बीच, कोजागिरी की आड़ में मंगलवार को मुर्गा और मटन पार्टी खूब चली. ढाबे और होटलों में पार्टियां होती रहीं.

काटोल नागपुर जिले की सबसे अहम सीट है. पूरा परिदृश्य देशमुख बनाम बाकी सब हो गया है. एक तरफ राज्य के मंत्री रहे राकांपा उम्मीदवार अनिल देशमुख हैं तो दूसरी ओर सावनेर क्षेत्र से पत्ता कटने के बाद यहां आए पूर्व मंत्री पुत्र आशीष देशमुख, शेतकरी कामगार पक्ष के राहुल देशमुख और शिवसेना के जमीनी कार्यकर्ता राजू हरने हैं. इसके अलावा निर्दलीयों की पूरी फ़ौज भी मैदान में है. कांग्रेस, भाजपा और शेकाप ने मिलीभगत कर रखी है कि जीते कोई भी, सत्ता देशमुख परिवार के पास ही रहे.

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पिछले बीस सालों से अनिल देशमुख का यहां एकछत्र राज रहा है. उधर, कांग्रेस में पूछ नहीं होने के कारण मंत्री-पुत्र भाजपा और राकांपा का दामन थामकर मुंबई पहुंचने के जुगाड़ में हैं. आशीष देशमुख सावनेर, हिंगणा से काटोल तक की यात्रा तय कर चुके हैं. राहुल बाबू को शेकाप के अस्वीकृत उम्मीदवार के रूप में अच्छा अनुभव हो चुका है. अब देखना यह है कि 15 अक्तूबर को मतदाता किसको मुंबई भेजता है और किसे यहीं रहने को मजबूर करता है.

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