प. पू. श्री श्रीहरि महाराज माकोड़ी ने किया मौलिक मार्गदर्शन
बुलढाणा। ‘इस भागदौड़ भरे जीवन में सुख की तलाश में भौतिक चीजों के पीछे भाग रहा मनुष्य आज शाश्वत सुख के संतोष से ही वंचित है. जीवन में नित्य-प्रति रामनाम का चिंतन करने से संतोष रूपी संपत्ति अपने आप मिल जाती है. क्योंकि, सुखी व्यक्ति अपने जीवन में संतुष्ट होगा ही, यह बताया नहीं जा सकता.लेकिन यह तय है कि संतुष्ट व्यक्ति हमेशा सुखी जरूर रहता है.’ यह मौलिक मार्गदर्शन प. पू. श्री श्रीहरि महाराज माकोड़ी ने किया. सुंदरखेड़ क्षेत्र के निवासी अनिल जाधव के निवास पर एकादशी के अवसर पर
आयोजित सत्संग में श्रीहरि महाराज बोल रहे थे. महाराज ने आगे कहा, आज लक्ष्मी यानी कि धन की प्राप्ति के लिए हर कोई खूब भागदौड़ कर रहा है. कई तो इसमें सफल भी होते हैं. लेकिन इस भागदौड़ में इंसान ईश्वर-प्राप्ति के वास्तविक लक्ष्य से दूर चला जाता है. अपना घर-परिवार चलाने के लिए, जरूरत के हिसाब से लक्ष्मी को हर किसी को अच्छे कार्यों से हासिल करनी ही चाहिए, लेकिन ऐसा करते हुए ‘नारायण’ का अर्थात ईश्वर का नाम भी लेते रहना चाहिए. एकादशी के अवसर पर तड़के काकड़ आरती हुई. दिन भर अखंड नाम जप चला और रात में हभप सांगले महाराज एवं उनकी टीम ने भजन प्रस्तुत किए. द्वादशी को महाप्रसाद के बाद समारोह की समाप्ति हुई.
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