उमरखेड़

शहर में चर्चा का विषय बनी इस घटना में मृतक का नाम संतोष उत्तमराव शिंदे है. 26 वर्षीय संतोष बीए, बीएड तक शिक्षित था, मगर नौकरी नहीं मिल पाने के कारण अपने पिता की कोई सहायता नहीं कर पा रहा था. पिता के पास दो एकड़ जमीन है और वह भी कुदरत की बेरुखी के चलते कुछ नहीं दे पा रही है. कर्ज का बोझ अलग पहाड़ सा डटा हुआ है. संतोष के दो भाई भी अभी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. सात लोगों के परिवार का भरण-पोषण संतोष के पिता के लिए तार पर की कसरत साबित हो रहा था.
ऐसे में 3 अगस्त की तड़के 3 बजे संतोष ने चूहा मारने की दवा का सेवन कर लिया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां दो दिनों तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद संतोष ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उसके निधन पर शोक व्यक्त किया जा रहा है.








