सावनेर भूमि अभिलेख कार्यालय का अजब कारोबार
गलत माप से 5 मीटर जमीन गई दूसरे के खेत में
सावनेर
सावनेर भूमि अभिलेख कार्यालय के नापजोख अधिकारियों की गलती किसानों के बीच विवाद का कारण बनती जा रही है. गलत नापजोख के चलते किसान आपस में ही लड़ रहे हैं. अगर यही हाल रहा तो किसी दिन किसी किसान की जान पर बन आए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. खुरजगांव के किसान बालकदास हरिदास महंत कार्यालय की गलतियों का ही खामियाजा भुगत रहे हैं. गलत माप के कारण उनके खेत की 5 मीटर जमीन दूसरे के खेत का हिस्सा बन गई है, मगर उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है.
गलत मापन
दरअसल, बालकदास ने परसोड़ी स्थित अपने खेत की सीमा के मापन के लिए आवेदन किया था. 11 जून 2014 को यू. ए. तेलंग नामक नापजोख अधिकारी उसके खेत पर पहुंची. उन्होंने खेत के चारों कोनों का मापन आरंभ किया. मापन गलत ढंग से होता देख खेत में उपस्थित बालकदास और उसके बेटे पंकज ने इसका विरोध किया. जवाब में तेलंग ने कहा, ‘आपको कुछ समझता नहीं. अधिकारी मैं हूं, मुझे सब समझता है. मुझे अपना काम करने दो.’ मापन में तेलंग ने पूर्व-पश्चिम धुरा की लंबाई खेत में वर्णित 229 मीटर की बजाय 224 मीटर मापी, जिससे करीब 5 मीटर खेत पड़ोसी के हिस्से में चला गया.
विरोध को कर गर्इं अनसुना
इस पर बालकदास और उनके पुत्र ने विरोध जताया और सही मापन करने की मांग की. माप के लिए जो सामग्री सुश्री तेलंग लेकर आर्इं थी वह भी खराब थी. टेप 10 से 15 इंच टूटा हुआ था, उसमें गांठ बांधी गई थी. स्केल भी दोषपूर्ण थी. पिता-पुत्र ने अधिकारी को पुलिस स्टेशन ले जाने का प्रयास किया, मगर वे अपने दफ्तर रवाना हो गर्इं. भूमि अभिलेख कार्यालय में लोगों के जमा होने के बाद नरखेड़ दौरे पर गए उपअधीक्षक रघुवंशी से फोन पर बात की गई. उनहोंने किसानों से दूसरे दिन मिलने को कहा.
गलती मानने को तैयार नहीं उपअधीक्षक
12 जून को किसान भूमि अभिलेख कार्यालय पहुंचे. पूरी जानकारी उन्हें दी गई, मगर वे यह मानने को तैयार ही नहीं थे कि उनके किसी अधिकारी ने खेत का दोषपूर्ण मापन किया है. उन्होंने कहा कि हमारे कर्मचारी बहुत अच्छे से काम करते हैं. फिर कहा कि बालकदास एक आवेदन कर दें, वे देखेंगे कि क्या हो सकता है. मगर आज तक प्रभावित किसान के खेत का दोबारा मापन नहीं किया गया है.
न्याय और कार्रवाई की मांग
इस संवाददाता ने जब भूमि अभिलेख कार्यालय में जाकर सुश्री तेलंग और श्री रघुवंशी से भेंट कर वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया तो दोनों टालमटोल जवाब देते रहे. किसानों ने इस घटना की शिकायत नागपुर स्थित भूमि अभिलेख अधीक्षक और जिलाधिकारी से की है तथा खेत का सही मापन कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.