खेत में गाज गिरने से मृत्यु
रामटेक

पिता ने कहा था-अब मत वापस आना
निखिल दोपहर 12 खेत के आसपास खेत से भोजन करने घर पहुंचा था. उसके पिता ने कह दिया था कि अब वापस मत आना. लेकिन तीन बजे के बाद बादल घिर आए. निखिल ने सोचा, बारिश आएगी तो उसके पिता भीग जाएंगे. बस, वह छाता लेकर खेत पहुंच गया. खेत में पहुंचकर अभी वह अपने पिता से बात कर ही रहा था कि पिता की आंखों के सामने निखिल पर गाज गिर गई. गंगाधर ने फौरन निखिल को बैलगाड़ी में डाला और गांव लेकर आए. उसे तत्काल उप जिला रुग्णालय ले जाया गया, मगर तब तक निखिल के प्राणपखेरू उड़ चुके थे.
समर्थ हाई स्कूल से अच्छे अंकों से 9 वीं की परीक्षा पास कर वह इस साल दसवीं में गया था. निखिल छुट्टियों में खेत में पिता का हाथ बंटाता था. वह पढाई में भी काफी तेज था.









