Published On : Tue, Aug 28th, 2018

सिर्फ पानी बकाया बिल के नागपुरवासियों पर बकाया 1 हजार करोड़

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नागपुर: पानी के लंबित बिलों के भुगतान की रिकवरी के लिए नागपुर महानगर पालिका के पसीने छूट रहे है। वर्ष 2012 से शहर की जलापूर्ति व्यवस्था इस मकसद से निजी हाँथो में सौंपी गयी कि इससे न केवल व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि आय में भी इज़ाफ़ा होगा। आगामी 25 वर्षो में लिए जलापूर्ति की व्यवस्था ऑरेंज सिटी वॉटर कंपनी के पास है।

ये कंपनी जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के कई प्रयास कर रही है बावजूद इसके अब सकारात्मक बदलाव अपेक्षित ही है। आंकड़ों की माने तो अब भी लगभग सवा लाख ग्राहक मुफ्त में इस सेवा का लाभ ले रहे है। जिस वजह से मनपा को करोडो रूपए का नुकसान हो रहा है।

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शहर में महीने भर में 29 लाख एमएलडी पानी की आपूर्ति हो रही है लेकिन इस आंकड़े के अनुरूप बिलिंग नहीं हो रही है। शहर के कई भाग अब भी है जहाँ जलापूर्ति नलों के द्वारा नहीं हो पा रही है। वही दूसरी तरफ जहाँ नियमित तौर पर योजना लागू है। वहाँ अब भी मुफ़्त में ही पानी की सेवा ली जा रही है। ओसीडब्लू द्वारा ऐसे ग्राहकों की पहचान कर उनके कनेक्शन नियमित करने का प्रयास भी शुरू है।

24 बाय 7 योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने 307 करोड़ रूपए भी उपलब्ध कराये है। काम की गति को लेकर सवाल पर मनपा गेंद ओसीडब्लू के पाले में डाल देती है जबकि कंपनी का कहना है की यह काम शुरू है जल्द ही इसे पूरा कर लिया जायेगा। कंपनी के मुताबिक व्यवस्था बेहतर हो सके इसलिए नए सिरे से न सिर्फ कनेक्शन दिए जा रहे है बल्कि पाईप लाइन को भी बदला जा रहा है।

30 लाख की जनसंख्या को पर चुके नागपुर शहर में लगभग 3 लाख 20 हजार परिवारों में वैध नल है। जबकि अब भी 1 लाख 51 हजार अनधिकृत मीटर वाले ग्राहक है जिनके नवीनिकरण का काम किया जाना है। अब तक 25 हजार कनेक्शनों को वैध किया जा चुका है।

वर्तमान समय में भी पौने दो लाख ग्राहकों पर पानी के बिल के 935 करोड़ रूपए थकित है। जबकि 91 करोड़ का ब्याज बांकी है। अब भी शहर के लगभग 40 फ़ीसदी ग्राहकों के पास नल कनेक्शन नहीं है।

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