Published On : Fri, Sep 15th, 2017

स्वास्थ्य विभाग का नियम-कानून लचर होने से जनता त्रस्त

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NMC Nagpur
नागपुर: निर्दलीय नगरसेविका आभा पांडे ने आज आमसभा में मनपा स्वास्थ्य विभाग, वहां के अधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के नियम-कानून की लचर अवस्था को प्रशासन सह सभागृह में उपस्थितों के समक्ष रख स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी.इनका सह सभागृह के सभी सदस्यों का पक्ष लेते हुए पूर्व महापौर प्रवीण दटके ने महापौर नंदा जिचकर से मांग की कि क्योंकि मनपा स्वास्थ्य विभाग का नागपुर शहर के लिए कोई ठोस नियम-कानून नहीं होने की वजह से शहरवासियों को अनेको प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड रहा, इसलिए स्वास्थ्य विभाग से सम्बंधित स्वास्थ्य समिति एक माह के भीतर एक ठोस उपविधि तैयार कर अगली आमसभा के समक्ष रखें। जिसे महापौर ने मंजूरी प्रदान की.

आभा पांडे ने जानकारी दी कि मनपा के वैधकीय अधिकारी चिव्हाने मनपा से सम्बंधित जानकारियां छिपाते है.नगरसेवक ने मनपा में पंजीकृत नर्सिंग होम की संख्या मांगी तो उन्होंने पांडे को ६३० बताया,आमसभा को ६२९ फिर आयुक्त के हस्तक्षेप पर ६३१ बताया।पांडे के अनुसार बोगस अस्पतालों की जानकारियां,स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जाने वाले जाँच-निरिक्षण की जानकारी देने में टालमटोल करते रहे,जो कि आमसभा में उपस्थितों को साफ़-साफ नज़र आया.इतना ही नहीं अस्पतालों में बेड की संख्या व दो बेडो के मध्य का अंतर और उस अस्पताल/नर्सिंग होम में मनपा पंजीयन के दौरान तय नियमावली को स्पष्ट करने में आनाकानी करते रहे.

इस विषय पर हस्तक्षेप करते हुए दटके ने महापौर से मांग की कि २७ लाख की जनसंख्या नागपुर शहर की है,इस हिसाब से स्वास्थ्य समिति के नेतृत्व में एक समिति उक्त मामलों को लेकर एक उपविधि तैयार कर एक माह के भीतर अगली आमसभा में पेश करने का निदेश दे.इस सर्व-हितार्थ पहल पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए महापौर ने दटके की मांग को स्वीकृति प्रदान की.

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उल्लेखनीय यह है कि नागपुर को हेल्थ हब के रूप में नई पहचान मिली है, यहाँ मरीज व उनके परिजनों सहित शहर में रहने वालों को अड़चन न हो इसलिए मनपा द्वारा उचित व्यवस्था न होने से शहरवासियों को न्यायालय की शरण में जाना पड रहा और न्यायालय में मनपा अपना पक्ष ठोस रखने में असमर्थता दर्शा कर अपनी फज्जीयत करवा चुकी है.

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