Published On : Tue, May 30th, 2017

बीफ़ डीलर रहें सावधान ! जब्त की गयी सामग्री पर अब पुलिस नहीं होगी गुमराह

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File Pic

नागपुर: बीफ डीलर सावधान हो जाएं क्योंकी, जब्त की गयी सामग्री पर अब वें पुलिस को गुमराह नहीं कर पाएंगे. छापे के दौरान जब्त किया गया मांस बीफ़ हैं या नहीं, यह दुविधा अब अतीत की बात हो चुकी है. दर-असल पुलिस विभाग ने एक शक्तिशाली उपकरण के साथ खुद को सुसज्जित किया है जो अपने अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन में मौके पर परीक्षण के साथ बीफ़ को पकड़ लेगा।

नागपुर टुडे के साथ विशेष रूप से बात करते हुए, कानूनी और तकनीकी विभाग के पुलिस महा-निर्देशक (डी.जी.पी.) शारदा प्रसाद यादव,
ने कहा की राज्यभर में सभी 45 मोबाइल फोरेंसिक वैन में बीफ परीक्षण किया जा सकता है। “हर जिले में सभी पुलिस इकाईयों को मोबाइल फ़ॉरेन्सिक वैन आवंटीत की गई है। ऐसे परीक्षण करने के हेतू पुलिस महानिदेशक, कानूनी और तकनीकी कार्यालय द्वारा मुंबई में कलिना फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला में कर्मियों के पहले बैच का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण लगभग पूरा कर लिया गया है। यादव ने स्पष्ट किया की, तीन स्तरीय प्रशिक्षण (इनडोर,आउटडोर और व्यावहारिक) से गुजरा हुया कर्मियों का बैच, अपने मिशन के लिए एकदम तैयार है.

“गुजरात में एंजाइम पर आधारित परीक्षण पहले ही आयोजित किया जा चूका है, जहां महाराष्ट्र से अधिकारी ट्रायल के लिए गए थे। डीजीपी ने बताया की, राज्य सरकार के गृह विभाग ने परीक्षण के लिए आवश्यक एंजाइमों की खरीद सहित विभिन्न औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं.

एस पी यादव ने आगे कहा कि वे भी इस प्रक्रिया का निरिक्षण करने के लिए गुजरात में मौजूद थे. ये परीक्षण प्राथमिक तर्ज पर गौमांस या बीफ़ के लिए होगा. अब से पहले नमूनों को सरकारी प्रयोगशालाओं में परिक्षण के लिए भेजा जाता था, जहां नतीजे आने में कई दिन लग जाते थे. लेकिन अब वैन में पहले से उपलब्ध कराये गए उपकरण का उपयोग करके हम एक विशेष एंजाइम-आधारित टेस्ट के जरिये मौके पर नतीजे प्राप्त करने में सक्षम होंगे. ये नतीजे शीघ्र, विश्वसनीय और मांस के प्रवर्ग की पुष्टि करेंगे.

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यह देखा गया है की, जब भी पुलिस ने बीफ़ विक्रेताओं पर रेड करती, तो बड़ी चतुरता से व्यापारी पुलिस को छलते हुए ये जताते की जब्त किया हुआ मांस भैंस का है, बीफ नहीं. यादव ने कहा की ,”मांस की उत्पत्ति के आधार पर इनकारों और बहस से होने वाले विवाद जो अक्सर सांप्रदायिक तनाव का कारण बनते है. उन्हें रोकने में परीक्षण से मदद मिलेगी.” साथ ही बाद में पुष्टि के लिए सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाने की बात भी उन्होंने की.

पिछले महीने, नागपुर पुलिस ने 347 मवेशियों को बचाने के अलावा 10 टन संदिग्ध बीफ़ जब्त कर लिया था. पुलिस ने आरोपी की हिरासत हासिल करने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष बड़ी मुश्किल का सामना किया क्योंकि, बचाव पक्ष जब्त किए गए मांस को बीफ मानने से मुकरते हुए आरोपी को जमानत दिलाने की पुरजोर कोशिश में था. बचाव पक्ष ने अदालत को सरकारी प्रयोगशाला से एक पुष्टि परीक्षण का इंतजार करने की मांग की थी. गौरतलब हैं की, हर जगह छापे के दौरान पुलिस को ऐसेही कठिण परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि अभियुक्त अक्सर कई दलीलें देते हुए, अपने पास रखे मांस के बीफ होने की बात को सिरे से नकारते हैं.

1986 के बैच के आईपीएस अधिकारी एस पी यादव ने कहा कि नवीनतम परिक्षण तकनीक पुलिस को मुकदमे-बाजी से निजात दिलाएगी. “बीफ़ को जब्त किए जाने के बाद उसे ठिकाने लगाने की जरुरत जताते हुए उन्होंने कहा की, अब पुलिस किसी भी गलतफहमी और उसके बाद की कानूनी परेशानियों के बिना मांस का सही निपटान कर सकती है.”

राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के द्वारा अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन का उद्घाटन होने की संभावना है. इस वैन में विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिस कांस्टेबल, सहायक रासायनिक विश्लेषक और अन्य कर्मियों को देख सकेंगे.

– रविकांत कांबले

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