Published On : Sat, Mar 25th, 2017

सरकारी इमारतों में नहीं किया जा रहा फायर सेफ्टी ऑडिट

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Fire Safety

Representational Pic


नागपुर:
 शहर की ज्यादातर सरकारी इमारतों में आगजनी की घटना होने पर सुरक्षा की दृष्टि से व्यापक उपाय योजना नहीं है। जिसकाे लेकर मनपा के अग्निशमन विभाग द्वारा पत्र सार्वजनिक बांधकाम विभाग, डिविजन-1 तथा केंद्रीय सार्वजनिक बांधकाम विभाग के मुख्य अभियंता को उनके अधीनस्थ आने वाली सरकारी इमारतों में अग्निशमन सुरक्षा उपाय योजना मुहैया कराने के लिए 22 दिसंबर 2015 को पत्र भेजकर सूचना दी गई थी। लेकिन संबंधित विभाग की ओर से जरूरी दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए। जिसके बाद 29 नवंबर 2016 को एक बार फिर स्मरण पत्र भेजकर अवगत कराया गया है। याद रहे कि 18 सितंबर 2014 को लोट्स, लिंक रोड, अंधेरी, मुंबई में हुई आगजनी की घटना से सबक लेते हुए अग्निशमन विभाग ने समीक्षा बैठक की और सभी सरकारी कार्यालयों में आगजनी के दौरान सुरक्षा के लिए उपाय योजना के बारे में सूचित करने का निर्णय लिया गया।

नहीं मिली कोई भी जानकारी

महाराष्ट्र आग प्रतिबंधक व जीव संरक्षक अधिनियम 2006 अनुसूची 1अनुसार प्रावधान को लेकर इमारत का नक्शा व क्षेत्रफल के बारे में विभाग की ओर से जानकारी मांगी गई थी, लेकिन संबंधित विभाग ने अब तक कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई। जिससे शहर में कितनी सरकारी इमारतों में फायर सेफ्टी को लेकर कार्य करना है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया।

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नक्शे ही नहीं है उपलब्ध

मनपा या एनआईटी से सेक्शन किए बिना ही कई सरकारी इमारत बन चुकी है। इतना ही नहीं तो केंद्र सरकार द्वारा संचालित फायर कालेज की इमारत जैसे कई विभागों का नक्शा ही अग्निशमन विभाग के पास उपलब्ध नहीं होने की जानकारी सूत्रों से मिली है।

अग्निशमन यंत्र का सहारा

सुरक्षा के लिहाज से कई सरकारी कार्यालयों में सिंलेडर की आकृति वाले अग्निशमन यंत्र लगा रखे है, लेकिन ये कितने कारगर साबित हो पाएंगे इसको लेकर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। कुछ स्थानों का जायजा लेने नजर आया कि यह यंत्र मन को तसल्ली देने मात्र ही है।

रविभवन: रविभवन में पहली मंजिल और दूसरी मंजिल में करीब 18 से 20 यंत्र उपलब्ध हैं, जिसमें से कई आउट डेटेड हो चुके हैं।

जिला परिषद: कुछ ऐसी ही स्थिति जिला परिषद की नई इमारत में भी देखी गई। यहां लगे यंत्रों पर आउड डेटेट तारीख पर नया स्टिकर लगा हुआ है। जिससे यह समझ पाना आसान नहीं हो पाता कि यह कारगर है या नहीं।

आरटीओ :आरटीओ कार्यालय में लगे सुरक्षा यंत्र में तारीख अंकित ही नहीं है। जिससे यह यंत्र कितने कारगर होगे, अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं है।

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