नागपुर: वन परिक्षेत्र में सीमित संसाधनों के होते हुए आसपास के इलाकों में खेती करना कठिन साबित होता है। लेकिन भंडारा जिले का एनएनटीआर( नवंगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व ) इस मामले में बिरला साबित हो रहा है। एनएनटीआर के धान उत्पादक किसानों ने इस बार ऑर्गेनिक चावल की बेहतरीन फसल लेकर धान उत्पादक क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहे हैं। सामान्य चावल के मुकाबले ऑर्गेनिक चावल को लोग भी पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि अब आज पड़ोस के किसान भी ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर बढ़ रहे हैं। रसायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के मुकाबले किफायती और ज्यादा भरोसेमंद पारंपरिक तकनीक कृषि के लिए भी एक बेहतर साधन माना जा रहा है।

आम तौर पर उगाए जानेवाले धान के मुकाबले इसका रकबा कम मिलता है लेकिन जन स्वास्थ्य को होनेवाले लाभ को देखते हुए इसे वे लगा रहे हैं। पहली फसल 7.5 हेक्टर क्षेत्र में लगाई गई है। अब इसे आगे बढ़ाने का विचार है। पहली फसल के रूप में तकरीबन 140 क्विन्टल धान प्राप्त हुआ था जिसमें तकरीबन 100 क्विन्टल चावल प्राप्त हुआ है। 7.5 एकड़ फसल की औसत लागत 2.40 लाख रुपए के आस पास की है जबकि औसत 50 रुपए किलो की दर से बेचे जानेवाले इस चावल से कुल बिक्री से तकरीबन 5 लाख रुपए मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है।
हालांकि वन विभाग के मुख्य सहयोग से की जा रही इस ऑर्गेनिक चावल को सबसे ज्यागा दरकार उचित प्रबंधन और मार्केटिंग की है। राज्य में एकमेव वन विभाग के आउटलेट वनधन जनधन स्टोर में पहली खेप की आपूर्ति के बाद रविवार को कई बार माल मंगाए जाने के बाद दूसरी खेप भेजी गयी। प्रचार की कमी खुद इस फसल को लेनेवाले किसान भी कर रहे हैं। हालांकि वन मंत्री इससे और लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम करने की बात कहते हैं।










