
गोंदिया। फिल्म हेरा-फेरी का मशहूर सीन याद है ? ऊपर असली नोट… नीचे चिल्ड्रन नोट! ठीक वैसा ही हाई प्रोफाइल खेल गोंदिया जिले में सच्चाई बनकर सामने आया है। एक राइस मिलर को नेता-अफसरों की ब्लैक मनी खपाने के नाम पर 3 गुना रकम लौटाने का झांसा दिया गया- सपना करोड़पति बनाने का था, लेकिन जब सूटकेस खुला… सामने आई चिल्ड्रन बैंक के नकली नोटों और रद्दी कागजों की परतें।
ट्रिपल मनी का ट्रैप और एक करोड़ की गाढ़ी कमाई साफ़
आमगांव के लांजी रोड स्थित मां शक्ति राइस मिल के संचालक वीरेंद्र कुमार लिल्हारे को अंतरराज्यीय गिरोह ने कहा- 500 के नोट बंद हो रहे हैं… हमारे पास नेताओं और अफसरों की ब्लैक मनी है। तुम 100- 200 के असली नोट दो, हम एक करोड़ के बदले 3 करोड़ देंगे।
लालच, भरोसा और सुनियोजित ठगी इन तीनों का ऐसा मिश्रण कि मिलर ने एक करोड़ की नकदी 100-200 के नोटों में सौंप दी।
ठग गोंदिया के जयस्तंभ चौक से बोरी में रकम लेकर उड़ गए, और बदले में दिया पैकिंग-मास्टरी वाला सूटकेस ऊपर कुछ 8000 रूपए के असली 500 के नोट… और नीचे बच्चों के खेलने वाले चूरन नोटों का पहाड़ , इस तरह सपना भी टूट गया, रुपए भी।
अग्रिम जमानत लेने पहुंचे मास्टरमाइंड को एलसीबी ने दबोचा
वारदात के बाद से एक करोड़ की नगद राशि लेकर फरार चल रहा गिरोह का मास्टरमाइंड छिंदवाड़ा का राजेश विश्वनाथ नायर (49), आखिरकार लोकल क्राइम ब्रांच पुलिस टीम ( LCB ) के हाथ शनिवार 29 नवंबर को लग ही गया।
सूचना मिली कि वह गोंदिया कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आने वाला है।
पुलिस ने जाल बिछाया और जैसे ही शाम 4 बजे वह दुर्गा पोहा वाले के सामने रोड पर दिखाई दिया… टीम ने घेराबंदी कर मौके पर गिरफ्तार कर लिया।
10 कंटेनर चावल सौदे की कहानी सिर्फ बहाना
पुलिस जांच में साफ हो गया कि यहां “10 कंटेनर चावल के सौदे” की कहानी सिर्फ एक बहाना था। असल में यह ब्लैक मनी का फर्जी नैरेटिव बनाकर करोड़ों लूटने की संगठित प्लानिंग थी। गिरोह के 6 सदस्य पहले पकड़े गए थे जिनके पास से दो कारें टोयोटा और सिल्वर रंग की इको स्पोर्ट और एक ट्रॉली बैग सहित 7.51 लाख का माल जब्त किया गया था इनमें छिंदवाड़ा निवासी 5 आरोपी रामेश्वर धुर्वे ,हेमलता बैस , इशांत नायर (23) , अजय धुर्वे (24) ,अमित करोसिया (39) एवं दीप्ति मिश्रा का समावेश है। लेकिन इस ऑपरेशन का दिमाग राजेश विश्वनाथ नायर यह एक करोड़ लेकर फरार था अब उसकी गिरफ्तारी से मामला पूरी तरह खुल चुका है।
ब्लैक मनी का नया खेल ? , सवालों की गूंज
इस हाई प्रोफाइल ठगी ने कई चुभने वाले सवाल छोड़ दिए हैं क्या नेताओं-अफसरों की ब्लैक मनी खपाने का नया नेटवर्क चल रहा है ?
क्या बड़े नामों का इस्तेमाल सिर्फ चारा था या कहानी में और भी पात्र हैं ? और कितने लोग इस “ट्रिपल मनी” ट्रैप के शिकार हो सकते हैं ?
गोंदिया पुलिस की यह कार्रवाई इस पूरे रैकेट की परतें उधेड़ने की शुरुआत भर मानी जा रही है , जानकारों की मानें तो मास्टरमाइंड से पूछताछ के बाद इसमें और भी गिरफ्तारी हो सकती है।
बहरहाल मास्टरमाइंड की धर पकड़ में पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे , अपर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे , LCB के पुलिस निरीक्षक पुरुषोत्तम अहेरकर , सहायक फौजदार राजू मिश्रा , पुलिस हवलदार संजय चौहान , दीक्षित कुमार दमाहे , महेश मेहर , पुलिस सिपाही राम खंडारे
ने अहम रोल अदा किया।आरोपी को शहर पुलिस के सुपुर्द किया गया है , आगे की जांच थाना प्रभारी किशोर पर्वते कर रहे हैं।
रवि आर्य











