गोंदिया। जिले की चार निकायों- गोंदिया, तिरोड़ा, सालेकसा और गोरेगांव में होने वाले निकाय चुनाव में राजनीतिक तापमान चरम पर है। 21 नवंबर को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख को एसडीओ कार्यालय पर जबरदस्त तरीके से उम्मीदवारों की भीड़ रही और आखिरकार दोपहर 3 बजे तक चुनावी समीकरण बिल्कुल साफ हो गया।
अब नगराध्यक्ष पद के लिए 27 उम्मीदवार, और पार्षद पदों के लिए 438, इस तरह कुल 465 उम्मीदवार चुनावी रणभूमि में आमने-सामने हैं। इस बार मुकाबला रोमांचक, टक्कर कड़ी और सियासी शतरंज बेहद दिलचस्प होने जा रही है।
गोंदिया: हर वार्ड में सीधा काँटे का मुकाबला
गोंदिया नगर परिषद में 44 पार्षद और 1 अध्यक्ष चुनने के लिए संघर्ष शुरू हो चुका है। नगराध्यक्ष के लिए दाखिल 16 नामांकन में से 10 अवैध साबित हुए, किसी ने पर्चा नहीं छोड़ा- अब 6 कैंडिडेट आमने-सामने हैं। वहीं पार्षद पद के उम्मीदवारों की तरफ देखें तो 407 नामांकनों की भीड़ में से अब फ़ाइनल मुकाबला 228 उम्मीदवारों के बीच होगा।
तिरोड़ा: सात चेहरे, एक कुर्सी- कौन जीतेगा रेस ?
तिरोड़ा निकाय क्षेत्र में भी मुकाबला दिलचस्प है। नगराध्यक्ष पद के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 91 उम्मीदवार, पार्षद दावेदार वोटों की लड़ाई में उतर चुके हैं। जनता के मूड के बिना कोई भी खुद को सुरक्षित नहीं मान रहा।
गोरेगांव: 56 उम्मीदवार चुनावी रनवे पर
गोरेगांव नगर पंचायत में भी चुनावी लड़ाई रोचक मोड़ पर है।
नगराध्यक्ष की कुर्सी के लिए 7 चेहरे, पार्षद के लिए 56 उम्मीदवार मैदान में हैं ,अब हर वोट निर्णायक भूमिका अदा करेगा।
सालेकसा: 63 उम्मीदवार, मुद्दे अलग.. लक्ष्य सिर्फ जीत
सालेकसा में नगराध्यक्ष के 7 उम्मीदवार, और 63 पार्षद प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं।
यहां भी मुकाबला कुछ सीटों पर बेहद रोचक है चार-पांच वोटों पर भी बाजी पलट सकती है ऐसा राजनीतिक अनुमान है।
गोंदिया नगराध्यक्ष: एक कुर्सी पर , 6 की नज़र
गोंदिया नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिए जनता अपनी वोट की ताकत से प्रत्याशी को चुनेगी , यहां एक कुर्सी पर 6 की नज़र है मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। पार्टी उम्मीदवारों की बात करें तो बीजेपी से कशिश कस्तुरचंद जायसवाल , राष्ट्रवादी (अजीत गुट ) से माधुरी नासरे , कांग्रेस से सचिन शेंडे ,शिवसेना ( शिंदे गुट ) से डॉ. प्रशांत कटरे , आम आदमी पार्टी से उमेश दमाहे और बीएसपी से अजय पडोले मैदान में हैं।
अब सवाल सिर्फ एक -किसके पक्ष में झुकेगा जनादेश? कौन बनेगा शहर का प्रथम नागरिक ?
काउंटडाउन शुरू हो गया है और 2 दिसंबर को जनता मतदान करेगी , वोटिंग मशीन पर केवल बटन दबेगा…पर तय होगा भविष्य-राजनीतिक दलों का और उनके नेताओं का जिनकी साख दांव पर लगी है ? साथ ही नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवार का का ? जो आने वाले 5 सालों की राजनीति की दिशा तय करेगा।
रवि आर्य









