
गोंदिया। अवैध रेत उत्खनन और ग्रामीणों पर हुए जानलेवा हमले के बहुचर्चित प्रकरण में जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रतिनिधि साहब की अदालत ने स्पेशल MCOCA केस क्र. 103/2020 में ऐतिहासिक फैसला मंगलवार 18 नवंबर को सुनाते हुए 8 आरोपियों को 10 वर्ष का कठोर कारावास और प्रत्येक को मकोका की 3 धाराओं में 5-5 लाख, कुल 15 लाख रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
जुर्माना न चुकाने की स्थिति में 6 माह का अतिरिक्त कारावास भी निर्धारित किया गया है।
नौ आरोपियों में से रोहित उर्फ गोलू हरीप्रसाद तिवारी की मृत्यु होने से कार्यवाही उसके विरुद्ध समाप्त की गई।
अवैध रेत उत्खनन , उस रात की खौफनाक कहानी
गोंदिया के रावनवाड़ी थाना क्षेत्र के मरारटोला (तेढ़वा) में 9 सितंबर 2016, रात लगभग 10 से 11 बजे, अवैध रेत से लदा ट्रैक्टर–ट्रॉली
(MH-35/F-4829, ट्रॉली MH-35/G-8138) तेज़ गति से गुजर रहा था।
गणेशोत्सव पंडाल के पास कबड्डी खेल रहे युवकों को ट्रैक्टर ने अचानक कट मारी और ग्रामीणों की जान पर बन आई।
ट्रैक्टर चालक को रोकने पर उसने जेब से मोबाइल निकाला और रेत माफिया गिरोह को ‘घेर लिए जाने ‘ की सूचना दे दी
बस यहीं से शुरू हुई उस रात की खौफनाक कहानी।
कनपटी पर तान दी पिस्टल , ग्रामीणों की बेदम पिटाई
कुछ ही मिनटों में सफेद स्कॉर्पियो (MH-35/P-4803) तेज़ी से मौके पर पहुँची।
अंदर बैठे थे हथियारों से लैस रेत तस्कर जो पिस्टल, जिंदा कारतूस, तलवारें और लोहे की रॉड से लैस थे।
इसी बीच एक अन्य बजाज विंड बाइक (MH-35/L-7823) पर उनके साथी भी पहुँच गए।
गिरोह के सदस्य तेजी से उतरे और शिवलाल जगलाल मातरे नामक 55 वर्षीय ग्रामीण की कनपटी पर पिस्टल तान दी और
5 से 6 ग्रामीणों पर घातक हथियारों से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया
इस दौरान उत्पात और आतंक मचाने के बाद बदमाश घटनास्थल से फरार हो गए।
पुलिस ने लिया एक्शन ,13 लाख का माल जब्ब्त
जख्मी शिवलाल मातरे की जानकारी पर रावनवाड़ी पुलिस दल तत्काल मौके पर पहुँचा और आरोपियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर तलाशी अभियान शुरू किया।
पुलिस ने अवैध खनन और बिना रॉयल्टी अदा किया चुराए गए रेत को ले जा रहे ट्रैक्टर–ट्रॉली ( किमत 5 लाख ) सफेद रंग की स्कॉर्पियो (कीमत 8लाख)बजाज विंड बाइक ( कीमत 30 हजार)
अवैध पिस्टल ( कीमत 75 हजार ) 6 जिंदा कारतूस( कीमत 1,200 ) ,
2 तलवारें ,1 लोहे का रॉड
इस तरह कुल 13 लाख 900 रूपए का माल जब्त करते
आरोपियों पर अपराध क्रमांक 159/2016 में गंभीर धाराएँ 307, 395, 397, 147, 148, 149, 506, 120(B)
आर्म्स एक्ट 3/4/25,
मुंबई पुलिस कायदा 135,
वाइल्ड लाइफ एक्ट 9/51,
और सबसे कड़ी महाराष्ट्र नियंत्रण संगठित अपराध अधिनियम (MCOCA) की धारा 3(1)(ii), 3(2), 3(4) में केस दर्ज कर चार्जशीट 6 अप्रैल 2016 को अदालत में दाखिल की गई।
25 गवाहों की गवाही, 164 के बयान, और MCOCA की मुहर
अदालत ने समस्त सबूत ,जब्त सामग्री , कॉल रिकॉर्ड घटनास्थल पर मौजूद 25 गवाहों के बयान लिए जिनमें से कुछ के बयान 164 के तहत कोर्ट के समक्ष दर्ज किए गए तथा ग्रहों द्वारा ग्रामीणों को आतंकित करने की निरंतर पद्धति को संगठित अपराध मानते हुए मकोका की धाराएं युक्ति पूर्वक सिद्ध पाई गई।
इसके आधार पर अदालत ने आरोपी जुल्फिकार उर्फ छोटू जब्बार गनी (36 , न्यू लक्ष्मी नगर बैंक कॉलोनी) , इमरान उर्फ महफूज खान (30 , टीबी टोली) , शाहबाज उर्फ बंदे शब्बीर पठान (26 , पाल चौक रेलटोली ) , सलमान इस्माइल खान (28 , टीबी टोली) ,दुर्गेश लक्ष्मण विठ्ठले (23 , अंगूर बगीचा रोड दुर्गा चौक) ,राहुल सुनील नेवारे (28 , न्यू लक्ष्मी नगर ) , प्रकाश उर्फ अप्पू ओमकार बाजपेई (30 , राम मंदिर के पास रामनगर) , रोहित उर्फ पिंटू भारतलाल भेलवी (31, न्यू लक्ष्मी नगर ) इन्हें 10 वर्ष का कठोर कारावास और 15 लाख प्रति आरोपी का आर्थिक दंड , जुर्माना अदा न करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
संगठित अपराध सिंडिकेट पर कोर्ट की करारी चोट
बता दें मुख्य आरोपी गनी खान को अकोला जेल शिफ्ट किया गया है और अन्य आरोपी भंडारा जेल में बंद हैं ।
यह घटना ने सिद्ध किया कि यह सिर्फ हमला नहीं, संगठित अपराध सिंडिकेट की सुनियोजित गतिविधि थी।
अदालत ने स्पष्ट माना कि यह गिरोह “रेत उत्खनन से अवैध कमाई, दबंगई, हथियारबंद आतंक और स्थानीय लोगों को धमकाने” की निरंतर आपराधिक पद्धति में लिप्त था जिसे कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए MCOCA की धाराएँ पूरी तरह सिद्ध की गईं।
न्यायालय ने टिप्पणी में कहा –
अवैध रेत उत्खनन का यह गिरोह कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला संगठित तंत्र बन चुका था , ऐसे अपराधों को कठोर दंड द्वारा ही रोका जा सकता है।
अदालत में सरकार की ओर से अपना पक्ष एड. वसंत चुटे ने रखा जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी एड. प्रकाश तोलानी ,एड. परवेज़ शेख तथा एड.वी.एन बारापात्रे ने की।
रवि आर्य









