
गोंदिया। गोंदिया तहसील के रावनवाड़ी थाना अंतर्गत आने वाले कोचेवाही गाँव की शांत रात 24 अक्टूबर को खून की सिसकियों से गूंज उठी। जहाँ हर साल लगने वाली मंडई (मेला) की रौनक थी, वहीं उसी रौनक के बीच एक 22 वर्षीय युवक की लाश राम मंदिर के सामने पड़ी मिली ।गले पर धारदार हथियार के वार के निशान साफ दिख रहे थे।
पहली नज़र में यह एक रहस्यमय हत्या लग रही थी, लेकिन जब पुलिस ने परत दर परत सच खोला तो जो सामने आया, उसने पूरे गाँव को हिला दिया।कातिल कोई और नहीं, मृतक का अपना बड़ा भाई निकला , जो अब सलाखों के पीछे पहुंच चुका है।
गांव के चप्पे-चप्पे पर पूछताछ ,मंडई की रात का खूनी सच
दरअसल फिर्यादी लता महेंद्रसिंह बघेले (उम्र- 52) ने रावणवाड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका बेटा टिकेंद्रसिंह महेंद्रसिंह बघेले (22 वर्ष) मंडई देखने गया था और रात करीब 1:30 बजे के दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
थाना रावणवाड़ी में अपराध क्रमांक 549/2025 धारा 103(1) भारतीय न्याय संहिता के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया।
मामला भले “अज्ञात हत्यारे” का था, लेकिन गोंदिया पुलिस की अपराध शाखा ने जल्द ही अपनी जांच का दायरा गहराया।
स्थानीय अपराध शाखा के निरीक्षक पुरुषोत्तम अहेकर के मार्गदर्शन में विशेष टीम गठित की गई जिसने छानबीन शुरू की, गाँव के चप्पे-चप्पे में पूछताछ हुई, मंडई स्थल के आसपास के लोगों से बयान लिए गए और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई।
रिश्ते की रंजिश ने छीनी एक मां की गोद
जांच के दौरान गोपनीय सूत्रों से एक चौंकाने वाली जानकारी मिली टिकेंद्रसिंह की हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि घर के ही अंदर पल रही रंजिश का नतीजा थी। पुलिस ने जब आरोपी ओमप्रकाश महेंद्र बघेले (उम्र 24 वर्ष) को कोचेवाही गाँव से हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की, तो उसके चेहरे पर छिपा सच सामने आने लगा। आख़िरकार, ओमप्रकाश ने अपना अपराध कबूल करते हुए कहा-मेरा भाई टिकेंद्र रोज मुझसे झगड़ता था, वह गाँव वालों के सामने मेरा अपमान करता था। कई बार उसे समझाया, पर वो नहीं माना। गुस्से में आकर मैंने उसी रात मंडई से लौटते वक्त उस पर चाकू से वार कर दिया।
उसके इन शब्दों ने न केवल पुलिस टीम, बल्कि गाँव के लोगों को सन्न कर दिया है।
पुलिस की पैनी नज़र से सुलझी जल्द गुत्थी
स्थानीय अपराध शाखा पुलिस टीम की पैनी नजर की वजह से यह सनसनीखेज खुलासा वारदात के महज़ चंद पलों के भीतर संभव हो पाया। पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे और अपर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे के निर्देशानुसार यह कार्रवाई की गई।
जांच में पुलिस निरीक्षक पुरुषोत्तम अहेकर, सहायक पुलिस निरीक्षक धीरज राजुरकर, महिला उपनिरीक्षक वनीता सायकर, पुलिस उपनिरीक्षक शरद सैदाने, हवलदार भुवनलाल देशमुख, विट्ठलप्रसाद ठाकरे, सुजीत हलमारे, तुलसीदास लुटे, रियाज शेख, प्रकाश गायधने, दीक्षितकुमार दमाहे, तथा सिपाही राकेश इंदुरकर, हंसराज भांडारकर, दुर्गेश पाटिल, राम खंडारे की विशेष भूमिका रही।
बहरहाल आरोपी ओमप्रकाश बघेले को रावणवाड़ी थाने के सुपुर्द कर आगे की जांच शुरू की गई है।
रिश्तों में दरार, खून में बदला
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों भाइयों के बीच पिछले कुछ महीनों से पारिवारिक विवाद चल रहा था , गाँव में टिकेंद्रसिंह का स्वभाव दबंग और उग्र बताया गया है, जो अक्सर अपने बड़े भाई से विवाद करता था।
ओमप्रकाश के भीतर पनपता आक्रोश और अपमान की भावना आखिरकार एक खतरनाक रूप में फूट पड़ी और वही रंजिश ‘रक्त संबंध’ को रक्तरंजित कहानी में बदल गई।
रवि आर्य








