Published On : Tue, May 23rd, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी नागपुर जिप की प्रतिष्ठा

वर्षा जल संचयन में कामयाबियों पर श्रीलंका ने सराहा
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नागपुर : जिला परिषद के इंजीनियरिंग विभाग ने बारिश के पानी का संचयन कर पानी और बिजली बचाने और इमारत के तापमान को ठंडा रखने में सफलता हासिल की है। यूनेस्को ने इस परियोजना पर विशेष ध्यान दिया है। यह केंद्र सरकार के पंचायत राज मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया था। अब श्रीलंका की सरकार ने इस पहल एवं इसकी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए सरनेट द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए चयनित किया है।

इस सम्मेलन में ग्रामीण जलापूर्ति यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री नीलेश मानकर प्रयोग प्रस्तुत करेंगे। सम्मेलन जल प्रबंधन संस्थान, बतरमुल्ला, श्रीलंका में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में 17 से 18 एवं 20 से 23 मई की अवधि के दौरान नागपुर जिला परिषद द्वारा क्रियान्वित इन परियोजनाओं के उप-ब्यांता के रूप में वर्षा जल संचयन एवं इसकी संग्रहण विधि को प्रस्तुत किया जाएगा। पूरे प्रदेश से केवल नागपुर जिला परिषद को यह पुरस्कार मिला है। पुणे में एक एनजीओ भी इस श्रेणी में पुरस्कृत होने वाले संस्थाओं में शामिल है। पूरे देश में जिला परिषद की प्रतिष्ठा बढ़ी है।

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सम्मेलन में शामिल हुए ये देश इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव और भारत के कुछ चुनिंदा संस्थानों के प्रतिनिधियों मौजूद रहे। इन स्थानों में अमल में लाया गया प्रोजेक्ट जिले के अदासा मंदिर, भंडारबोडी, नगरधन स्वास्थ्य केंद्र में यह प्रयोग अत्यंत सफल रहा है। उसके बाद इस मॉडल को पुणे में नेशनल वर्कशॉप में पहला विशेष सम्मान मिला। उपयंत्री मानकर व उनकी टीम ने जिला परिषद के इस मॉडल को समुद्र के उस पार ले गए और सभी को इसकी विशेषताओं से अवगत कराया।

क्या है वर्षा जल संचयन मॉडल?
कई जगहों पर वर्षा जल संचयन संभव नहीं है। ऐसी इमारतों का अध्ययन करते हुए छत पर एक पैराफिट दीवार, एक विशेष प्रकार की ढलान खींची जाती है। छत पर रिसाव और गर्मी प्रतिरोधी पेंट लगाया जाता है। पूरे जल संचयन जल को रिचार्ज शॉप विधि द्वारा संग्रहित किया जाता है। जिससे भवन के सामने स्थित वृक्षों एवं बगीचों को स्वत: ही लाभ होता है। ये सभी प्रक्रियाएं भवन के तापमान को कम करने में भी मदद करती हैं।

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