गोंदिया। गत 2 दिनों से शहर में ऑनलाइन ठगी के कई मामलों को अंजाम देकर किराना व तेल व्यापारियों को चूना लगाने वाले 2 शातिर संदिग्ध ठगों को सिटी पुलिस ने डिटेन किया है तथा इनके पास से खरीदे गए कुछ सामान व नकदी की बरामदगी भी की गई है
इतना ही नहीं फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए जिस बिना नंबर की एक्टिवा वाहन का यह संदिग्ध ठगबाज इस्तेमाल कर रहे थे वह वाहन भी मिल गया है। पकड़े गए उक्त दोनों युवकों की उम्र 21 से 22 वर्ष बताई जाती है तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के दुर्ग और भिलाई के निवासी बताए जा रहे हैं।
पुलिस के मानें तो साइबर ठगी करने वाले दोनों संदिग्धों के पास से डिजिटल पेमेंट्स में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल भी रिकवर कर लिए गए हैं माना जा रहा है कि इन मोबाइलों को खंगालने के बाद कई राज बेपर्दा हो सकते हैं ? बहरहाल पुलिस आज इन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड मांग सकती है ?
दर्जनों को ठगा , 5 व्यापारीयों ने दर्ज कराया है मामला
पुलिस के मुताबिक 23 अप्रैल को शाम 4:00 बजे से शाम 7:30 बजे के दरमियान शहर के गंज वार्ड स्थित जयश्री टॉकीज के पास श्री गजानन ट्रेडर्स नामक दुकान मैं जाकर संचालक फरियादी नितिनकुमार बलदेव प्रसाद अग्रवाल से 1845 के भाव से 5 तेल के पीपे खरीदने के बाद बारकोड को स्कैन किया तथा स्केनर से पेमेंट नहीं जा रहा यह कहते दुकानदार से नंबर मांगते हुए मेरे पापा आपको पैसे डाल रहे हैं ? ऐसा कहते हुए दुकानदार को यकीन दिलाने के लिए अपने बैंक की तरफ से आए डेबिट अकाउंट के 10,000 के मैसेज को दिखा दिया जिससे दुकानदार को यकीन हो गया और सामान के साथ ही नगदी 775 लेकर चंपत हो गए , मगर पैसे व्यापारी के अकाउंट में अब तक नहीं आए।
कुछ यही कहानी फरियादी दुकानदार अरुण लालचंद पृथ्यानी के साथ दोहराई गई और 2030 रुपए के दर से 5 तेल के पीपे खरीदे तथा नगदी 4875 लेकर इस तरह 15000 का चूना लगाया।
समीर तिगाला नामक किराना व्यापारी से 4 तेल के टीन 1875 से खरीदें और 7500 का चूना लगाया । राजेश गुप्ता नामक व्यापारी से 5 तेल के टीन 1830 में खरीदे और नगदी 1850 रूपए लेकर उन्हें चुना लगाया। उसी प्रकार संतोष जायसवाल नामक दुकानदार से 5 तेल के टीन 1900 रुपए के भाव से खरीद कर व्यापारी को 9500 का चूना लगाया गया।
उक्त पांच व्यापारियों की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ शहर थाने में धारा 420 , 34 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस द्वारा छानबीन शुरू की गई।
ठगी से रहें सावधान ! ऐप से पेमेंट करने के बाद खुद के खाते में ही आ जाते हैं पैसे
जानकारों की मानें तो स्क्रूफ पेमेंट जैसे ऐप का इस्तेमाल कर 5 से 15000 के बीच शॉपिंग कर व्यापारियों को चुना लगाया जाता है।
दरअसल किसी भी दुकान से सामान खरीदने के बाद बार कोड को स्कैन किया जाता है तथा स्केनर में पेमेंट नहीं जा रहा यह कहते दुकानदार से नंबर मांगा जाता है और यकीन दिलाने के लिए वह ठगबाज अपने ही बैंक के तरफ से आए डेबिट अकाउंट के मैसेज को दिखा देते हैं जिससे दुकानदार को यकीन हो जाता है और वह उन्हें सामान दे देता है।
होता यह है कि जब भी वह किसी को पेमेंट करते हैं तो वह ऐप बनाने वाले के खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं और उक्त खाते से वह ठगबाज पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करवा लेते हैं।
ऐसे फर्जीवाड़ा से बचने के लिए व्यापारी को हमेशा जागरूक रहना चाहिए तथा हर ट्रांजैक्शन के बाद हमेशा अपने बैंक अकाउंट का बैलेंस चेक करना चाहिए और इस तरह की ठगी से बचने के लिए हमेशा डिजिटल पेमेंट के लिए स्पीकर का इस्तेमाल करें ऐसा अनुरोध पुलिस प्रशासन की ओर से किया गया है।
रवि आर्य