गोंदिया: शहर में जलजमाव की समस्या से मुक्ति दिलाने की दिशा में अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम बनाने की योजना पर काम 2 वर्ष पूर्व शुरू हुआ लेकिन यह भूमिगत गटर योजना गंभीर हादसों का कारण बन रही है।
13 मार्च सोमवार के दोपहर स्थानीय सिविल लाइन के मामा चौक निकट निर्माण कार्य चल रहा था जहां 12 फीट गहरे गड्ढे में काम कर रहे एक मजदूर पर अचानक ही ऊपर रखा मलबे का ढेर जा गिरा नतीजतन उसकी मिट्टी के ढेर में दबकर मौके पर ही दम घुटने से मौत हो गई।
मृतक सुरेश जगन नेवारे उम्र 45 निवासी- गोविंदपुर के संदर्भ में बताया जाता है कि वह कई महीनों से लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी के यहां मजदूरी का काम कर रहा था , आज भी वह काम पर आया लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
घटित हादसे की जानकारी मिलने पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर गणवीर साइड पर पहुंचे जिसके बाद दुर्घटना में जान गंवाने वाले मजदूर के परिवार को आर्थिक मुआवजा तथा इस लापरवाही पूर्वक हादसे के लिए जिम्मेदारों पर FIR दर्ज करने की मांग जोर पकड़ने लगी , इसी बीच नगर परिषद प्रशासन की ओर से उचित सहयोग हेतु आश्वास्त किया गया।
गरीब परिवार के मजदूर की मौत होने के बाद स्थानीय नागरिकों ने भी रोष जताया जिसके बाद देखते ही देखते आंदोलन शुरू हो गया और जब तक मुआवजा नहीं ..तब तक अंतिम संस्कार नहीं ? इस मांग ने जोर पकड़ा।
आखिरकार मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा के तौर पर ठेकेदार की ओर से 10 लाख और लेबर इंश्योरेंस के तौर पर दो लाख , इस तरह 12 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने का ठोस निर्णय होने के बाद परिजन अंतिम संस्कार हेतु राजी हुए तथा समाचार लिखे जाने तक शव पोस्टमार्टम हेतु जिला केटीएस अस्पताल भेजा गया।
शुरू से हो रहा भूमिगत गटर योजना का विरोध
बता दें कि गोंदिया शहर में गटर योजना प्रभावी नहीं होगी इस बात को लेकर शुरू से ही अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम का विरोध हो रहा है बावजूद इसके चंद नेताओं की कमीशन खोरी के चलते यह योजना लागू हो गई तथा अब तक न जाने कितने सड़क हादसे हो चुके हैं फिर भी साइड पर सुरक्षा नियमों का पालन नहीं हो रहा।
अनेक सड़क पर चेंबर रास्ते के ऊपर या फिर नीचे दबने से वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है जिसके कारण अनेक सड़क हादसों में कई नागरिक अपनी हड्डियां तुड़वा चुके हैं।
इतना ही नहीं शहर की खूबसूरती में टाट का पैबंद बन चुकी है यह गटर योजना ? अच्छी खासी सड़कों की बीचों-बीच ऐसी तैसी हो चुकी है।
गटर योजना का फंड किसने लाया ? इसका भूमि पूजन किसने किया ? इस हादसे का श्रेय कौन जनप्रतिनिधि लेगा ? इस बात को लेकर नेताओं को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जनता जबरदस्त ट्रोल कर रही है।
रवि आर्य