नागपुर: नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स (एनवीसीसी) के सदस्य गण वर्तमान अध्यक्ष अश्विन मेहाडिया द्वारा लिए गए मनमाने और असंवैधानिक फैसलों से नाराज होकर आईडीबीआई बैंक, गुप्ता हाउस, सिविल लाइंस के पास इकट्ठे हुए और एनवीसीसी कार्यालय तक मार्च किया।
पूर्व अध्यक्षों के समूह के नेतृत्व में उत्तेजित सदस्यों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भवन गेट पर प्रदर्शन किया और एनवीसीसी कार्यालय का घेराव किया और सदस्यों के लंबित बकाया को स्वीकार न करने के अवैध निर्णय के खिलाफ सदस्यों के बीच नाराजगी व्यक्त की। डॉ. दीपेन अग्रवाल ने सदस्यों की परेशानियों को व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान पदाधिकारी अश्विन मेहाडिया के अनुचित प्रभाव में चैंबर को हाईजैक करने और दिन-प्रतिदिन के मामलों को प्रबंधित करने के लिए अवैध और मनमानी गतिविधियों में लिप्त हैं, जैसे कि यह उनकी करीबी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो। पदाधिकारियों ने एसोसिएशन ऑफ आर्टिकल्स (उपनियम/संविधान/एओए) में प्रस्तावित संशोधनों को परिचालित किए बिना और कार्यकारी सदस्यों को अंधेरे में रखते हुए पदाधिकारियों को अनिर्देशित विवेकाधीन शक्तियां देने वाले प्रावधानों को शामिल किया है।
वर्तमान प्रबंधन लगभग 600 सदस्यों को उनकी सदस्यता का नवीनीकरण करने से रोक रहा है ताकि उन्हें चैंबर की आगामी 78वीं एजीएम में भाग लेने से अयोग्य घोषित किया जा सके। डॉ अग्रवाल ने कहा कि चैंबर के पदाधिकारियों के पद के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि सभी सदस्यों को उपनियमों के अनुसार अपनी सदस्यता को नवीनीकृत करने की अनुमति दी जाए।
इस अवसर पर एनवीसीसी के पूर्व अध्यक्ष रमेश, एनवीसीसी के पूर्व अध्यक्ष निलेश सूचक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मोर्चा में प्रफुल्ल दोशी, रमन पैगवार, संदीप अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, राकेश ओहरी, सुनील जेजानी, चुन्नी भाई शाह, राजू मखीजा, सुमित शर्मा, गिरीश लिलडिया, विनय डालमिया, अतुल मशरू, ब्रजेश खेमका, अमजद भाई, मनीष जेजानी, कमलेश समर्थ, मधुसूदन अग्रवाल, दिलीप ठकराल, धर्मेश वेद, अशोक संघवी, पंकज पड़िया, राजेश आहूजा आदि व्यापारी शामिल हुए थे।