– जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन व स्थानीय सफेदपोश इसके लाभार्थी
नागपुर -आम नागरिक के परिजन ,खासकर गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के भरण-पोषण के लिए वर्षो पहले केंद्र-राज्य सरकार के मार्फ़त सरकारी राशन दुकानों की शुरुआत की,जहाँ से अधिकृत कार्डधारकों को मासिक अनाज देने की शुरुआत हुई थी.अब पिछले कुछ वर्षो से इस कोटे की आनाज की कालाबाज़ारी खुलेआम हो रही जिसके लाभार्थी खाकी व खादी धारी होने से जरूरतमंद वंचित हैं,जिसकी सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हो रही,नतीजा एमओडीआई फाउंडेशन जैसी कई संगठन एक अंतिम मौका सरकार को देने के बाद न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं.
जिसने उठाया मुद्दा,पक्ष से किया गया बाहर
कांग्रेस-एनसीपी सरकार के कार्यकाल में एक जनप्रतिनिधि ने उक्त धांधली का मुद्दा साबुत सह उठाया,उसी के पक्ष के सम्बंधित मंत्री भी थे,तो पक्ष सुप्रीमो ने अपने पक्ष के जागरूक कार्यकर्ता हो ही पक्ष से मुक्ति दे दी थी.
शिंदे को सभी का आशीर्वाद
मौदा तहसील के फ़ूड निरीक्षक शिंदे के करीबियों का कहना है कि सम्बंधित क्षेत्र के राशन दुकानों से माहवारी संकलन कर ऊपर तक सभी में वितरित करते रहे है इसलिए न खाकी और न ही खादी उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने की जुर्रत करते है,क्यूंकि सभी को उनके हिस्से की माहवारी का नुकसान हो जाएगा।
शिंदे से बात करो
कोदामेंढी की दुर्गा बचत गट के अध्यक्ष को नियमित राशन देने की मांग करता है,या उनसे कहा-सुनी हो जाती है तो पहले अध्यक्ष फटकार लगाती है फिर उन्हें शिंदे से बात करने का निर्देश देती है.क्यूंकि शिंदे का बचत गट प्रमुख से सांठगांठ है इसलिए शिंदे भी पक्ष लेकर शिकायतकर्ता को नज़रअंदाज करते रहा हैं.
जिला प्रशासन भी कर रहा आनाकानी
शिंदे सह दुर्गा महिला बचत का मामला उनके ध्यान में लाने के बाद इस तरह जिले में हो रही गोरखधंदे की सूक्षम-स्वतंत्र जाँच सह कार्रवाई की मांग करने के बावजूद कोई ठोस कदम उठाये नहीं जा रहे,नतीजा एमओडीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान जल्द ही इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण करवाने के बाद सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई तो न्यायालय की शरण में आम गरीब नागरिकों का अनाज और सरकारी सब्सिडी हड़पने वालों से वसूली सह कार्रवाई की गुहार लगाएगी।इसी क्रम में शिंदे जैसे अधिकारी पर भी नियमानुसार कार्रवाई की मांग करेंगी।ताकि सरकार का गरीब हित में चलने वाला योजना सचमुच लाभार्थी को ही मिल सके.










