Published On : Tue, Mar 22nd, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

विकास कार्यों में हुई देरी, बढ़ी नागरिकों की शिकायतें !

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– कार्यकाल समाप्त, चुनाव में देरी से पूर्व नगरसेवक की दुविधा बढ़ी

नागपुर – अपना कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही मनपा के सम्पूर्ण अधिकार प्रशासक के पास चले गए हैं. एक ओर मनपा चुनाव कब होंगे इसको लेकर पूर्व नगरसेवक दोहरी मार झेल रहे हैं तो दूसरी ओर आम आदमी की शिकायतों के प्रति प्रशासन की उदासीनता सर चढ़ के बोल रही। इसलिए अब सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं।

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चुनाव से करीब छह महीने पहले पार्षद सक्रिय हो जाते हैं। सड़कों की डामरीकरण सहित विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं सेवाएं प्रदान करने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाता है।फ़िलहाल इस मामले में सत्तारूढ़ दल के पार्षद आगे चल रहे हैं। इस बार तस्वीर अलग है। कई नगरसेवकों की फाइलें लंबित हैं क्योंकि कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी आम चुनाव घोषित नहीं किए गए हैं।

इस कार्य का भविष्य प्रशासक के हाथ में है। वहीं वार्ड में नागरिक पूर्व नगरसेवकों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. मनपा के प्रशासक के रूप में अधिकारियों और कर्मचारियों ने पहले की तरह अपनी कार्यप्रणाली सुस्त कर दी है। कुछ ने तो इनसे परहेज भी किया है। मध्य नागपुर में सत्तारूढ़ पार्टी के एक पूर्व नगरसेवक ने कहा कि वार्ड के नागरिक काम की कमी से नाखुश हैं।

इस बीच, जो लोग फरवरी के अंत तक चुनाव होने की धारणा पर काम कर रहे हैं, उनका उत्साह खत्म हो गया है। भाजपा ने अपने पूर्व नगरसेवकों और कार्यकर्ताओं को शिविर के जरिए पार्टी स्तर पर सक्रिय रखा है. केंद्र सरकार की व्यक्तिगत लाभ योजनाओं के लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन कर लोगों से संपर्क किया जा रहा है. हालांकि पूर्व नगरसेवक का आरोप है कि काम नहीं हो रहा है,लेकिन प्रशासन ने इससे इनकार किया है. मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि प्रशासन के पास मनपा सूत्र आने के बाद से काम भलीभांति चल रहा है. राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण प्रस्तावों में अक्सर देरी होती थी। उन्होंने कहा कि काम का बोझ भी बढ़ गया है क्योंकि अधिकारियों की जिम्मेदारियां बढ़ गई है।

कुछ नगरसेवकों का कहना है कि पहले की तरह मनपा के अधिकारियों और कर्मचारियों का समर्थन मिल रहा था,लेकिन जब से प्रशासक बैठा है तब से उनके व्यवहार में काफी बदलाव आ गया हैं.

पूर्व नगरसेवकों का मानना है कि ”सभी की निगाहें चुनाव की तारीखों पर हैं और पार्टी स्तर पर तैयारी चल रही है.”

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