– वार्ड के बाहर के कुछ पदाधिकारी उम्मीदवारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं
नागपुर: जहां सत्ताधारी भाजपा इस बात पर चर्चा कर रही है कि मनपा चुनाव में किसे उम्मीदवार बनाया जाएगा और किसे घर बैठाया जाए, वहीं पार्टी की वार्ड स्तरीय बैठक में स्थानीय कार्यकर्ताओं को मौका देने की मांग की जा रही है. इस बीच, कांग्रेस ने देवड़िया भवन में इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आवेदनों का वितरण शुरू कर दिया है।
हालांकि, भाजपा पिछले 15-20 दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ उम्मीदवारों के परीक्षण के लिए बैठकें कर रही है।
कुछ महत्वाकांक्षी कार्यकर्ता इस बात पर कड़ा रुख अपना रहे हैं कि अभी नहीं तो कभी नहीं। इसलिए पक्ष के वरिष्ठ पदाधिकारियों के सामने स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय को ध्यान में रखा जाए। 2017 के चुनावों में, 108 भाजपा उम्मीदवार चुने गए थे।
उनमें से कई को जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन इस साल कई निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के मौजूदा पार्षदों के खिलाफ नाराजगी है।
वार्ड ढांचे में फेरबदल के साथ ही वार्डों का गढ़ माने जाने वाले मध्य, दक्षिण-पश्चिम, पूर्व और पश्चिम निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की जीत निश्चित है. भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कुछ पदाधिकारी अब मांग कर रहे हैं कि वार्डवार बैठक में स्थानीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाए न कि वार्ड के बाहर के उम्मीदवारों को मौका दी जाए।
सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में भाजपा के कुछ पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। पार्टी से उम्मीदवारी नहीं मिलने पर कई कार्यकर्ता निर्दलीय के तौर पर लड़ने को तैयार हैं. इसलिए, उम्मीदवारों के चयन में असली परीक्षा पार्टी के सक्षम कार्यकर्ताओं और नेताओं के करीबियों को मौका दिया जा सकता हैं.
दूसरी ओर कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना अलग अलग चुनाव लड़ी तो भाजपा को पुनः बड़ी जीत मिल सकती हैं.रिपा के सभी गुट एकसाथ मिलकर लड़े तो कांग्रेस और बसपा को बड़ा नुकसान हो सकता हैं.
फ़िलहाल पक्ष निहाय भाजपा मनपा चुनाव के लिए सबसे मजबूत पक्ष के रूप में उभरी हैं,यह और बात है कि इस चुनाव में भाजपा के कई दिग्गज चुनाव नहीं लड़ने वाले,इसके बावजूद पार्टी में प्रत्येक प्रभाग के लिए दर्जन भर उम्मीदवारों की सूची भाजपा के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं,इसलिए भाजपा उम्मीदवारों के चयन के मामले में काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही.
अबतक के सर्वे के अनुसार एक दर्जन से अधिक भाजपाई उम्मीदवारी न मिलने पर बगावती मूड में हैं.