गोंदिया: कोरोना के प्रकोप के कारण, मुंबई और राज्य के अन्य शहरों में कई सार्वजनिक क्षेत्रों , प्रतिष्ठानों और कॉलोनियों में कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन इन कीटनाशकों के अनावश्यक व असुरक्षित छिड़काव से नुकसान हो सकता है ? इसलिए इस तरह के छिड़काव नहीं करने का निर्णय लिया जाता है और यदि आवश्यक हो, तो संबंधित स्थानिक स्वराज्य संस्था , नगरपालिका यह क्षेत्र का निरीक्षण करेगी कि किस प्रकार के छिड़काव की आवश्यकता है और कहां और क्या स्प्रे करना है ? और यदि आवश्यक हो तो खुद वह स्प्रे करेगी, ऐसा निर्णय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में वर्षा शासकीय बंगले पर आयोजित हुई बैठक के दौरान 30 मार्च को लिया गया।
इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, परिवहन मंत्री अनिल परब, प्रमुख सचिव अजय मेहता तथा नियंत्रण कक्ष के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में यह सुझाव भी दिया गया था कि किसी भी मामले में अन्य मशीनरी और घटकों का छिड़काव नहीं किया जाना चाहिए, ऐसी जानकारी गोंदिया जिला सूचना अधिकारी कार्यालय की ओर से दी गई है।
जो छिड़काव किया जा रहा वह नियमानुसार उचित नहीं
कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने ,चश्मा ,चेहरे पर मास्क , टोपी , एप्रोन और पैरों में लंबे गम बूट (जूते ) सुरक्षा के दृष्टिकोण से होना जरूरी है किंतु शासन द्वारा तय इन नियमों का पालन नहीं किया जाता।
असुरक्षित छिड़काव के दौरान कीटनाशक सूंघ लेने या फिर उसके आंखों में चले जाने से बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
चूंकि छिड़काव वाले आम लोगों को पर्याप्त जानकारी और प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं होती लिहाजा विषबाधा पैदा होने तथा संबंधित व्यक्ति के बीमार होने का खतरा सदैव बना रहता है।
कमोबेश इसी का नतीजा है कि शासन ने अब छिड़काव की जिम्मेदारी स्थानिक स्वराज्य संस्था और संबंधित नगर पालिका क्षेत्र के अधिकारियों के जिम्मे सौंपी है ।
रवि आर्य