Published On : Mon, Jun 23rd, 2014

सावनेर : मान्यताप्राप्त कॉलेजों में ही प्रवेश दिलाएं बच्चों को


अ. भा. ग्राहक कल्याण परिषद ने अभिभावकों से कहा


सावनेर

अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद की सावनेर तालुका शाखा ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने दसवीं कक्षा में पास हुए बच्चों को 11 वीं में प्रवेश दिलाने से पहले यह जरूर जांच लें कि कॉलेज मान्यताप्राप्त है भी या नहीं.

बच्चों का एक साल बरबाद
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी के 250 कॉलेजों का मामला पिछले साल भर से गूंज रहा है. इन कॉलेजों में प्रवेश लेनेवाले विद्यार्थियों को अवैध घोषित कर दिया गया है और इन विद्यार्थियों का एक वर्ष बेकार चला गया है. दरअसल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विद्यापीठ ने ऐसे 327 महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश लेने पर रोक लगा दी थी जहां एक भी गुणवत्ताप्राप्त शिक्षक और प्राचार्य नहीं है. साथ ही ऐसे 52 कॉलेजों पर भी रोक लगा दी गई थी, जहां विद्यार्थियों की संख्या 50 प्रतिशत से कम है. इन कॉलेजों में भी विद्यार्थियों के प्रवेश लेने पर रोक लगाई गई थी. उसके बाद विद्यापीठ ने कुछ कॉलेजों के नाम सूची से हटा दिए. राज्य सरकार के आदेशानुसार बाद में विद्यार्थियों की संख्या 50 प्रतिशत से कम रखने वाले कुछ और कॉलेजों के नाम हटाए गए. इस तरह कॉलेजों की संख्या 250 पर आकर ठहर गई.

परिषद का अभिभावकों से आग्रह
इन कॉलेजों में विद्यार्थियों के प्रवेश पर रोक के बावजूद कुछ संचालकों ने अपने कॉलेजों में विद्यार्थियों को प्रवेश दे दिया, जिससे उनका एक साल बरबाद हो गया है. अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद की सावनेर तालुका शाखा के अध्यक्ष अरुण रुबिया ने कहा है कि जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ही ऐसे कॉलेजों की बलि चढ़ते हैं. उन्होंने अभिभावकों से इस तरफ ध्यान देने का आग्रह किया है.

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