अब तक 2 लाख मरीजों का उपचार, 300 करोड़ का भुगतान
साकोली
राजीव गांधी जीवनदायी स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य में अब तक मरीजों पर किया गया 500 करोड़ का खर्च बीमा कंपनियों ने मंजूर किया है. यह ख़र्च 2 लाख मरीजों पर किया गया है. इसमें से 300 करोड़ की राशि अस्पतालों को दे दी गई है. लेकिन इस योजना का लाभ लेने वाले लोगों को यह नहीं मालूम कि उपचार के लिए किस डॉक्टर के पास जाना है. इसका कारण अब तक डॉक्टरों की सूची का जारी नहीं किया जाना है.
दूसरी ओर कहा जाता है कि डॉक्टर मामूली बुखार का भी अनाप-शनाप बिल बनाकर सरकारी तिजोरी को लूट रहे हैं. नागरिकों ने तत्काल डॉक्टरों की सूची जारी करने के साथ ही योजना के तहत इलाज करनेवाले डॉक्टरों द्वारा किया गया इलाज का प्रकार, बीमारी का प्रकार और उसके खर्च का ऑडिट कर उसे सार्वजनिक करने की मांग की है.
क्या है योजना
राजीव गांधी जीवनदायी स्वास्थ्य योजना के तहत अस्पताल के डेढ़ लाख तक के इलाज का खर्च सरकार उठाती है, जबकि गंभीर बीमारियों के लिए खर्च की यह सीमा बढ़कर ढाई लाख तक हो जाती है. गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के नागरिकों को बेहतर मेडिकल इलाज मुहैया कराने की दृष्टि से राज्य में यह योजना शुरू की गई है. इस योजना के अंतर्गत 972 प्रकार के रोगों के इलाज की सुविधा दी गई है. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की मार्फ़त सरकार ने नि:शुल्क उपचार की यह योजना शुरू की है.
कब शुरू हुई
इस योजना का पहला चरण 2 जुलाई 2012 को राज्य के 7 जिलों यथा अमरावती, धुले, गढ़चिरोली, गोंदिया, मुंबई, मुंबई उपनगर, रायगढ़ व सोलापुर में शुरू किया गया था. दूसरे चरण में राज्य के अन्य 27 जिलों में 21 नवंबर 2013 को योजना का शुभारंभ किया गया. यह योजना मुख्यतः गरीबी रेखा से नीचे (पीला राशन कार्ड), अंत्योदय राशन कार्ड और केसरी राशन कार्ड धारकों के लिए है.
दूसरे चरण के 27 जिलों के 1 करोड़ 58 लाख 91 हजार 154 परिवारों की सूची इस योजना के लिए जारी की गई. इन राशन कार्ड धारकों के लिए हेल्थ कार्ड वितरण का कार्य अंतिम चरण में है.
भुगतान की प्रक्रिया
जिन अस्पतालों में राजीव गांधी जीवनदायी स्वास्थ्य योजना लागू है, उन अस्पतालों को मरीजों का इलाज करने के 7 दिनों के भीतर प्रकरण ऑनलाइन दाखिल करने के बाद बीमा कंपनी की तरफ से पूरी राशि अदा की जाती है. हालांकि इसमें पारदर्शिता लाने की मांग की जा रही है.
अब तक मंजूर प्रकरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक कुल 1 लाख 88 हजार मरीजों के प्रकरण मंजूर किये गए हैं. उन पर खर्च 499 करोड़ 18 लाख आया. इसमें 1 लाख 80 हजार मरीजों के विभिन्न ऑपरेशन किये गए और उन पर खर्च की राशि रही 476 करोड़ 26 लाख. कुल 1 लाख 24 हजार प्रकरणों में 300 करोड़ 47 लाख का भुगतान किया गया.

