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वाड़ी
नागपुर और विदर्भ में रहनेवाला कोई भी व्यक्ति नंदी बैलों से अपरिचित नहीं होगा.
आषाढ़ के लगते ही शहरों और गांवों में सजे-धजे नंदी बैलों की रेलमपेल शुरू हो जाती है. नंदी बैलों के आगमन की जानकारी मिलते ही बच्चे और महिलाएं बड़ी उत्सुकता से नंदी के आसपास जमा होने लगती हैं. हालांकि समय के बदलने के साथ शहरों में इनका आगमन अब कम होने लगा है. गांवों में भले ही अभी नंदी को लेकर उत्सुकता जरूर होती है.