Published On : Sat, May 31st, 2014

नागपुर : राज्य के 12 हजार स्वास्थ्य अधिकारी 1 जून से आंदोलन पर

 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण, उप जिला तथा जिला अस्पतालों पर असर

नागपुर

Advertisement

महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित स्वास्थ्य अधिकारी संगठन ‘मैग्मो’ सोमवार 1 जून से आंदोलन आरंभ कर रहे हैं. राज्य स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत ये स्वास्थ्य अधिकारी सरकार के रवैये से अत्यधिक नाराज हैं. वर्ष 2011 के दौरान इन्हीं मांगों को शीघ्र पूरा करने के सरकार का ओस्वासन पर उन्होंने अपना ऐसा ही आंदोलन स्थगित कर दिया गया था. अब मैग्मो ने तय कर लिया है कि बिना मांगें पूरी हुए वे अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे. राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण, उप जिला तथा जिला अस्पतालों में कार्यरत 12 हजार चिकित्सकों के इस आंदोलन में शामिल हो जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत असर पड़ने की आशंका पैदा हो गई है.

उनकी 11 मांगों में 2009-10 से सेवाओं में कार्यरत स्वास्थ्य अधिकारियों को लाभ, बीएएमएस के 789 तथा बीडीएस के 32 अधिकारियों को सेवा में समायोजन, 6 वें वेतन आयोग का लाभ, स्वास्थ्य अधिकारियों तथा वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के केंद्र एवं स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की तरह उच्चस्तरीय वेतन, एमबीबीएस तथा बीएएमएस, अधिकारियों को पदोन्नति लाभ, कार्यभार में कमी, सेवानवृत्ति 58 से 62 वर्ष करना तथा मुख्यमंत्री से घोषित स्वास्थ्य विभाग के पुनर्रचित आयोग का गठन करने की मांग मुख्य रूप से शामिल है.

राज्य के 12 हजार स्वास्थ्य अधिकारियों की शिखर संगठना ‘मैग्मो’ के तहत पूरे राज्य में 80 फीसदी जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. संगठन के अध्यक्ष डॉ. राजेश गायकवाड़ तथा महासचिव डॉ. प्रमोद रहामवार ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि राज्य स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत अधिकारियों के हितों के प्रति सरकार अभी भी उदासीन रवैया अपनाए हुए है. इससे प्रशासकीय सेवाओं से चिकित्सक आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य हो गए हैं.

अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के साथ ही आबादी के अनुपात में चिकित्सकों की पर्याप्त संख्या नहीं है. इससे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में गरीब जनता को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा. मैग्मो के अनुसार पिछले तीन वर्षों से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा अवर मुख्य सचिव को संगठन ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की इन सभी कमियों से अवगत कराने के बावजूद भी कोई ठोस उपाय सरकार ने नहीं किए. संगठन ने सरकार को दिए ज्ञापन में पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 31 मई तक निर्णय या हल नहीं निकलने पर 1 जून से उनका बेमियादी आंदोलन शुरू होगा.

Representational Pic

Representational Pic

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement