नागपुर: विपक्ष द्वारा सरकार के विरोध में निकाले जाने वाले मोर्चे की तैयारी पूरी कर ली गई है। 12 दिसंबर को आयोजित मोर्चे में सभी विपक्षी दल शामिल होंगे। हर बार की ही तरह अधिवेशन के एक दिन पहले सरकार द्वारा दी जाने वाली चाय पार्टी का बहिष्कार करने संकेत कांग्रेस की तरफ से दिया गया है। शनिवार पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और विधायक विजय वड्डेटीवर ने पत्र परिषद लेकर मोर्चे के संबंध में जानकारी दी। सरकार को विपक्ष किसानों के मुद्दे पर घेरने तैयारी में है। किसानों की कर्जमुक्ति को लेकर सरकार विपक्ष की राडार पर है। अनिल देशमुख से कर्जमाफी को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए सरकार द्वारा जारी मी लाभार्थी नामक विज्ञापन को ठकोसला करार दिया। उन्होंने कहाँ कर्जमाफ़ी की घोषणा को 6 महीने से ऊपर हो गए लेकिन अब तक किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है।
विधायक और विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उपनेता विजय वड्डेटीवर के मुताबिक सरकार सिर्फ आश्वासन की खैरात बाट रही है। मुख्यमंत्री के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। ग्रामीण भागों में सरकार के खिलाफ जबर्जस्त अविश्वास है। कपास-सोयाबीन को भाव न मिलने की वजह से किसान परेशान है। सरकार विभागों के पैसे का बंदरबाट कर रही है। मागासवर्गीय कल्याण विभाग के पैसे मन मुताबिक विधायक अपने क्षेत्रों के खर्च कर रहे है। मुख्यमंत्री को शब्दों से खेलना अच्छे से आता है। जनता के प्रश्न गंभीर है बावजूद इसके विपक्ष में रहने दौरान यही मुख्यमंत्री शीतकालीन अधिवेशन को एक महीने चलाने के लिए हंगामा करते थे आज उन्होंने इसे 10 दिन में सीमित कर दिया है। एडवायजरी कमिटी में मैंने खुद अधिवेशन बढ़ाने सुझाव दिया था जिसे नजरअंदाज कर दिया गया।
इस मोर्चे नेतृत्व शरद पवार और गुलाम नबी आज़ाद साझा तौर पर करेंगे। मोर्चे में शामिल होने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को भी निमंत्रण दिया गया है।