लापरवाही : शिक्षा उपसंचालक के आदेश के बाद भी समिति ने नहीं की ई -पाठशाला मामले की जांच
नागपुर- ई-पाठशाला के नाम से श्रद्धानंद पेठ और उमरेड रोड के वीरगांव में अनियमितता और विद्यार्थियों के पालको से मनमानी फ़ीस वसूलने के मामले में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन व् जिला अधिकारी ग्राहक संरक्षण के सदस्य मो. शाहिद शरीफ ने शिक्षा उपसंचालक के पास शिकायत की थी. जुलाई महीने में शिक्षा उपसंचालक ने इस मामले में जांच के लिए शिक्षणाधिकारी को आदेश देते हुए तीन सदस्यों की एक टीम गठित की थी. जिसमें रमेश हरड़े, विजय कोकर्ड़े, नरेश नेब थे. इनको इस मामले की जांच करनी थी. लेकिन अब तक इस समिति ने इस मामले की जांच ही नहीं की है. इससे यह देखा जा सकता है की नागपुर का शिक्षा विभाग कितना गंभीर है और अधिकारी कितने चुस्त है.
आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन व् जिला अधिकारी ग्राहक संरक्षण के सदस्य मो. शाहिद शरीफ ने जानकारी देते हुए बताया की इस मामले में शिक्षा उपसंचालक से शिकायत की गई थी. इसमें कहा गया था की ई-पाठशाला के द्वारा आरटीई में एडमिशन पानेवाले बच्चों से भी विभिन्न गतिविधियों के लिए 9 -9 हजार रुपए लिए गए थे. जबकि कंपनी को इन्होने बताया था की हम आरटीई के बच्चों से पैसे नहीं लेंगे, वहां से भी ई-पाठशाला ने एक्सेम्पशन लिया. लैपटॉप लेने के लिए भी कहा गया, जिसके बाद पालकों ने बड़ी मुश्किल से लैपटॉप भी ख़रीदे. जबकि नियम में कही भी ऐसा प्रावधान नहीं है. शरीफ ने बताया की नियम के अनुसार 5वी क्लास तक किसी भी तरह की गतिविधि ही नहीं करा सकते. कई पालको ने यह भी बताया है की स्कुल द्वारा यह भी कहा गया है की पैसे नहीं देने पर परीक्षा में नहीं बैठने देंगे.
शरीफ ने नाराजगी जताते हुए कहा की शिक्षा उपसंचालक की ओर से से जांच कमेटी बनाने के बाद भी इस मामले की जांच नहीं की गई. इससे शिक्षा विभाग की गंभीरता और उदासीनता देखी जा सकती है.