गोरेवाड़ा इंटरनेशनल जू के कारण बढ़ेगा नागपुर के टूरिस्म का महत्त्व
नागपुर– गोरेवाड़ा इंटरनेशनल जू का उदघाटन 26 जनवरी को 4 बजे होनेवाला है. वर्ष 2005 में हुई घोषणा का पहला स्टेप इंडियन सफारी के रूप में तैयार हो गई है, जिसका उद्घाटन 26 जनवरी को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे.कार्यक्रम की अध्यक्षता वन मंत्री संजय राठोड़ करेंगे. मुख्य रूप से केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, गृहमंत्री अनिल देशमुख, ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे, विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस आदि उपस्थित रहेंगे.
यहां एक साल के भीतर ही लोगों को अफ्रीकन सफारी का भी लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा.यह जानकारी एफडीसीएम बोर्ड अध्यक्ष वासुदेवम ने दी है. रविवार को गोरेवाड़ा इंटरनेशनल जू परिसर में आयोजित पत्र-परिषद में वे बोल रहे थे. उनके साथ वनबल प्रमुख डॉ. एन रामबाबू, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) नितीन काकोड़कर आदि वन अधिकारी उपस्थित थे.
उन्होंने बताया कि, गोरेवाड़ा परिसर में कुल 1914 हेक्टर है.यहां टूरिज्म हब विकसित करने की घोषणा वर्ष 2005 में हुई थी. तय हुआ था कि, पहले यहां इंडियन सफारी बनेगी. इसके बाद अफ्रीकन सफारी बनाई जाएगी, लेकिन वर्ष 2011 तक यहां ज्यादा विकास नहीं हो सका. ऐसे में इस प्रोजेक्ट की बागड़ोर एफडीसीएम को सौंपी गई. कुल 450 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 200 करोड़ राज्य सरकार व शेष राशि पीपीपी तर्ज खर्च की जानी थी. गत कुछ वर्षों में तेजी से काम को पूरा करते हुए वर्तमान में इंडियन सफारी का काम पूरा कर लिया गया है. जिस पर 60 करोड़ खर्च हुए.
इसके अंतर्गत पैंथर सफारी, टाइगर सफारी, भालू सफारी व शाकाहारी वन्यजीव जैसे हिरण, नीलगाय सफारी अलग-अलग जगह बनाई गई है. यहां आने वाले पर्यटकों को आम दिनों में 300 रुपए शुल्क लेकर भ्रमण कराया जाएगा. छुट्टी के दिन 400 रुपए शुल्क लिया जाएगा. यहां एक माह तक पर्यटकों को शुल्क में 20% की छूट दी जाएगी.
यहां वर्तमान में 7 तेंदुए, 6 भालू और 2 बाघ हैं. बाघ में एक राजकुमार नामक बाघ है, जिसे भंडारा जिले से लाया गया. वह आक्रामक नहीं है, लेकिन गांव के आस-पास घूमने से गांव के लोग दशहत में रहते थे. इसलिए इस बाघ को यहां लाया गया है. उन्होंने समय के साथ वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने की जानकारी दी है.
अधिकारियों ने बताया कि, इंडियन सफारी का काम पूरा हो गया है. जल्द ही अफ्रीकन सफारी का काम शुरू किया जाएगा. इसमें वॉकिंग ट्रेल से लेकर बायोपार्क का निर्माण होगा. इस सफारी में जेब्रा से लेकर शेर तक बाहरी क्षेत्र से लाए जाएंगे. जिसके बाद यह परिसर पूरी तरह से टूरिज्म हब के रूप में पहचाना जाएगा.
यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ते ही बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे गाइड से लेकर चालकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. यहां दुकानें लगाकर भी रोजगार उपलब्ध दिया जाएगा, जिसके लिए प्रशासन कोशिश कर रहा है.