ऐसे भी युवा, नए साल में हर साल बाटते है गरीबों को खाना और फल
नागपुर– जहाँ सारा शहर जश्न मनाकर नए साल का स्वागत कर रहा था, वही दूसरी ओर कुछ युवा अलग ही अन्दाज़ में नए साल का स्वागत करते हुए नज़र आए. इनका मनाना हैं की न्यू ईयर की पार्टी में कितना पैसे ख़र्च कर देते हैं लोग वही दूसरी ओर ग़रीब लोग भूखे होते हैं.
इन युवाओ का कहना है कि नया साल कुछ इस तरह मनाया जाए की जिस दिन कोई भूखा ना हो और जिस दिन ऐसा होगा उस दिन कहा जाएगा की नए साल की शुरूवात हुई हैं.
पिछले साथ साल से ये युवा मेडिकल हॉस्पिटल परिसर में फ़्रूट किट 1जनवरी को वितरण करते आ रहे हैं, इस कार्य की शुरूवात मयूर मराठे द्वारा की गई. हर साल लोग इस अभिनयन से जुड़ते गए पर इस साल कोविड की वजह से वो मेडिकल में ऐसा नही कर सकते थे.
लेकिन जब दूसरों की मदद करने के बारे में अच्छे काम करने के बारे में सोचे तो रास्ते ख़ुद ब ख़ुद मिल जाते हैं. इस अच्छें कार्य के आठवें साल में इन्होंने ग़रीबों को खाने के 800-900 पैकेट जयताला झोपड़पट्टी , चिखली बस्ती , बाजार चौक डेप्यूटी सिग्नल परिसर में बांटे.
खाना बनाने के लिए किचन व पैकिंग और बाटने के लिए इनकी एक संस्था ( बिटिया )ने मदद की.
युवाओ का होसला बड़ाने के लिए वहाँ अनुसूया काले छाबरानी, जोसफ जॉर्ज मौजूद थे. इस दौरान जोसेफ जॉर्ज ने 1 हजार मास्क भी बांटे.
इस अभियान को कुणाल मौर्य, पंकज जुनघरे, नीरज कडू, रोहन अरसपुरे, राजेश खंडारे,केतकी पारेख, प्रवीण सारडा, आदित्य और नेहा पाटिल मौजूद थे.