गोंदिया:फाइलों को दबाने वाली संस्कृति और कार्यनीति से किसका भला ?
अड़ियल रवैया अपनाने वाले अधिकारी का हो तबादला
गोंदिया केंद्र और राज्य सरकार अपने मिशन , हर संकल्प को जनता के सहयोग से जहां पूरा करने में जुटी है वही अब भी कुछ अड़ियल रवैया अपनाने वाले आला अधिकारी गोंदिया जिले के विकास कार्यों की महत्वपूर्ण फाइलों को अटकाने- लटकाने और भटकाने का काम कर रहे हैं
ऐसे में सवाल यह उठता है कि फाइलों को दबाने वाली संस्कृति और कार्यनिति से आखिर किसका भला ? अनिर्णय की स्थिति और अड़ियल स्वभाव के कारण कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूर्ण करने में अब बड़ा विलंब हो रहा है ।
सरकार के विकास के दावों और सांसद- विधायकों के वादों को जनता अब याद दिलाते हुए जनप्रतिनिधियों से सवाल-तलब कर रही है।
अब लोग दबी जुबान से कहने लगे कि जिले के विकास के पथ का पहिया आला अफसरों के अख्खड़ स्वभाव के वजह से पटरी से उतर चुका है जिससे आम लोगों की जिंदगी और बेहतरी पर इसका असर पड़ रहा है।
फौजदारी गुनाह दर्ज कराने का तकिया कलाम
बताया जाता है कि एक आला अधिकारी की मनमानी और तानाशाही का आलम यह है कि कई महत्वपूर्ण विभागों की फाइलें आज उनके टेबल पर अटकी पड़ी है।
योजनाओं की पूर्तता ( निधि ) और काम पूर्ण करने के संदर्भ में जब कोई विभाग प्रमुख अधिकारी , अटकी फाइल पर उनसे चर्चा करते है तो महोदय भड़क जाते हैं तथा बात-बात में तकिया कलाम का इस्तेमाल करते हुए फौजदारी गुन्हा दर्ज कराने की धौंस दिखाने लगते हैं।
फाइलों को अटकाने लटकाने और भटकाने तथा आलस्य और अलगजीं की वजह से जिले के विकास कामों पर इसका असर पड़ रहा है लिहाज़ा दर्जनों शिकायतें गृह मंत्री तथा पालक मंत्री अनिल देशमुख और जिले के लोकसभा सांसद सुनील मेंढे तथा राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल के दफ्तर तक पहुंच चुकी है।
अब यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि ऐसे अड़ियल रवैया अपनाने वाले अधिकारी का तबादला कर दिया जाए।
रवि आर्य