कोलरपिंपरी खदान के भंडार में लगी आग
– कोल संपत्ति बचाने में ढुलमुल नीति अपना रही वेकोलि प्रबंधन,हो रहा रोजाना लाखों का नुकसान
वणी नार्थ/नागपुर : WCL की वणी नार्थ क्षेत्र अंतर्गत कोलरपिंपरी खदान हैं.इसके निकट ही इनका निकाला गया कोयले का भंडारण(STOCK) हैं.जिसमें महीनों पूर्व नैसर्गिक पद्दत से आग लगी,इसे पूर्णतः बुझाने में स्थानीय वेकोलि प्रबंधन आनाकानी कर रहा,जिससे वेकोलि को नुकसान हो रहा. उक्त भंडारण कोलरपिंपरी खदान के निकट हैं.स्थानीय जानकारों ने बताया कि धुप की वजह से भंडारण में आग लगी.
जब यह आग लगी तो प्रशासन ने अविलंब तत्परता दिखाई होती तो आग पर काबू पाया जा सकता था और वेकोलि को लाखों का नुकसान भी सहन नहीं करना पड़ता,इस लापरवाही की वजह से आजतक न आग बुझी।
वेकोलि के नियमानुसार इस कोयले के भंडारण से कोयला को क्रश करने के लिए CHP ले जाया जाता हैं.इसके बाद क्रश किया कोयला यहाँ से निकट के रेलवे साइडिंग ले जाया जाता हैं.जहाँ से मांगकर्ता महाजेनको आदि को रेलवे द्वारा भेजा जाता हैं.
जानकारी मिली हैं कि महाजेनको के साथ वेकोलि ने जिन गुणवत्ता/दर्जे का कोयले देने का करार किया था,वैसा कोयला नहीं दिए जाने से महाजेनको उपलब्ध करवाए जा रहे कोयले के हिसाब से भुगतान कर रही हैं.इससे WCL को आर्थिक नुकसान सहन करना पड़ रहा हैं.
सूत्र बतलाते हैं कि एक तरफ भंडारण में आग लगी हुई हैं,इससे कोयला राख में तब्दील हो रहा.दूसरी तरफ भंडारण को पूर्ण करने के लिए अन्य मार्गों का सहारा लिया जा रहा.जैसे मिटटी,पत्थर आदि.
महाजेनको को कच्चा कोयले के साथ जला हुआ कोयला भी मिल रहा.महाजेनको ने उक्त घटनाक्रम को लेकर कई दफे मौखिक/लिखित जानकारी देकर सुधार करने के लिए गुजारिश कर चुकी है,जिसका असर बिजली निर्माण पर पड़ रहा हैं.
इस सन्दर्भ में कल दोपहर इंटक के आबिद हुसैन ने घटनास्थल का मुआयना किया और उपक्षेत्रीय प्रबंधक से चर्चा की तो उनका कहना था कि प्रयास जारी हैं.हुसैन ने मांग की हैं कि इस घटना के दोषी पर वेकोलि प्रबंधन कड़क कार्रवाई करने के साथ आग पर तुरंत काबू पाने के लिए ठोस उपाययोजना कर सरकारी संपत्ति का नुकसान रोकें और महाजेनको को करार अनुसार कोयला उपलब्ध करवाए।