CE के हस्तक्षेप से सीसी रोड फेज-2 घोटाला जाँच समिति की बैठक नहीं हो रही
– ,पूर्व महापौर संदीप जोशी के पत्र को गंभीरता से नहीं ले रहे आयुक्त,मनपा प्रशासन भी धांधली को नज़रअंदाज कर ठेकेदार कंपनी मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा व मेसर्स डीसी ग़ुरबक्षाणी को संरक्षण दे रहा-एमओडीआई फाउंडेशन का संगीन आरोप
नागपुर : NAGPUR TOADAY और RTI कार्यकर्ता ने मनपा में सीमेंट सड़क फेज-2 के टेंडर और भुगतान घोटाले को सार्वजानिक कर मनपायुक्त और मुख्य अभियंता सह कैफो का ध्यानाकर्षण करवाकर सूक्ष्म जाँच की मांग की,जाँच में दोषी अधिकारी को निलंबित सह दोषी ठेकेदार कंपनी को मनपा से आजीवन BLACKLIST करने की मांग की।इसके बाद जब मनपायुक्त ने तत्कालीन आयुक्त संदीप जोशी की जाँच समिति को निरस्त किया तो एमओडीआई फाउंडेशन ने आयुक्त से मुलाकात कर उपलब्ध कागजी सबूत के आधार पर ठेकेदार कंपनी और सम्बंधित अधिकारी पर कड़क कार्रवाई की मांग की अन्यथा न्यायालय जाने की जानकारी दी थी.
इस भय से आयुक्त ने जाँच समिति गठित की.जाँच समिति सदस्य मनपा की प्रभारी CE ने ठेकेदार डीसी ग़ुरबक्षाणी के पक्ष में सक्रिय होने के कारण समिति की बैठकें नहीं हो रही,इसलिए जाँच समिति फ़िलहाल ठंडे बस्ते मियाउ चली गई.इस बीच तत्कालीन महापौर संदीप जोशी ने आयुक्त को पत्र लिख जाँच समिति रिपोर्ट जल्द पेश कर दोषी ठेकेदार और अधिकारी पर कार्रवाई की मांग दोहराई लेकिन आयुक्त राधाकृष्णन बी उन्हें या उनके पत्र को महत्त्व नहीं दे रहे.
एमओडीआई फाउंडेशन का संगीन आरोप हैं कि इस जाँच के प्रमुख दोषी SE तालेवार को उनके आका जो एक विधायक हैं वे और इस विधायक के करीबी बचा रहे,दूसरी ओर डीसी ग़ुरबक्षाणी कंपनी के निदेशक की करीबी मनपा की प्रभारी CE उन्हें बचाने के लिए नाना प्रकार के हथकंडे अपना रहे.
यह भी जानकारी मिली हैं कि पिछले सप्ताह मनपायुक्त राधाकृष्णन बी,मुख्य अभियंता और प्रमुख वित्त व लेखा अधिकारी को RTI कार्यकर्ता के मार्फ़त उनके वकील ने नोटिस भी दी.जिस पर आजतक कोई गंभीरता दिखाते हुए नोटिस का जवाब तक नहीं दिया गया.
अर्थात मनपा प्रशासन उक्त मामले में मनपा की छवि निष्पक्ष करने के बजाय इस मामले को न्यायालय तक ले जाने के लिए RTI कार्यकर्ता को उकसा रही.
यह भी उल्लेखनीय हैं कि जाँच समिति के अन्य ईमानदार सदस्य CE के एकतरफा रुख से काफी क्षुब्ध हैं,उनका कहना हैं कि प्रत्येक बैठक में CE ठेकेदार के पक्ष में चर्चा कर उन्हें मदद करने के लिए दबाव बनाती हैं,अब जबकि कोई सदस्य CE को इस मामले में साथ नहीं दे रहा तो उन्होंने जाँच समिति की बैठक लेना बंद कर आयुक्त को बदनाम करने की कोशिश कर रही.