सीसी रोड फेज-2 की जाँच ठंडे बस्ते में
– मनपा प्रशासन और जाँच समिति द्वारा ढुलमुल नीति अपनाकर मामला दबाने की कोशिश,RTI कार्यकर्ता अगले सप्ताह न्यायालय में दाखिल करेंगे रिट याचिका
नागपुर : वर्ष 2020 में मनपा में सबसे बड़ा घोटाला को एक RTI कार्यकर्ता ने सार्वजानिक किया।इसके द्वारा प्रस्तुत कागजात जो कि मनपा के लोककर्म और वित्त विभाग ने उपलब्ध करवाया,इस आधार पर तय नियम-शर्त के मद्देनज़र अविलंब कार्रवाई कर मनपा पर लगे दाग मिठाने के बजाय मनपायुक्त के नाक के नीचे जाँच करने वाली जाँच समिति ढुलमुल रवैय्ये अपना रही,ताकि मामला शांत हो जाए.अर्थात जाँच समिति को PMO और UD-2 का जरा भी खौफ नहीं और तो और जाँच में देरी कर RTI कार्यकर्ता को उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए उकसाना समझ से परे हैं.जानकारी मिली हैं कि अगले सप्ताह RTI कार्यकर्ता न्यायालय में रिट याचिका डालने के लिए अंतिम चरण की तैयारी में हैं.
याद रहे कि एक RTI कार्यकर्ता ने मनपा द्वारा निर्मित हो रहे सीमेंट सड़क फेज-2 में हुई टेंडर सह भुगतान घोटाला को सार्वजानिक कर कुल 4 पत्रों सह सबूत पेश कर टेंडर शर्त अनुसार ठोस कार्रवाई करने की मांग की थी.इसके दोषी M/S ASHWINI INFRA और DC GURBAKSHANI नामक ठेकेदार कंपनी को काली सूची में डालने तो मनपा के दोषी अधिकारियों को निलंबित सह किये गए भुगतान की वसूली की मांग भी की गई थी.
आयुक्त राधाकृष्णन बी ने मनपा अधिकारियों सह क़ानूनी सलाहकार की एक जाँच समिति गठित कर जाँच का आदेश दिया,इस समिति की सदस्या मनपा की प्रभारी CE ने दोषी ठेकेदार कंपनी को बचाने के लिए खुलेआम हिम्मत दिखाई,जिसके लिए दाद देनी चाहिए,यह और बात हैं कि अन्य सदस्यों ने उनके हाँ में हाँ न मिलते हुए उनके प्रस्ताव का खुलेआम विरोध किया।अब यह अधिकारी जाँच को लंबा खिंचने की कोशिश कर रही,जबकि सारे पुख्ता सबूत RTI कार्यकर्ता ने पहले ही उपलब्ध करवा चुकी हैं.नतीजा RTI कार्यकर्ता अगले सप्ताह इस मामले की गंभीरता के मद्देनज़र उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर करने जा रहा,तय हैं कि इससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी मनपा प्रशासन सह जाँच समिति की होंगी।
उल्लेखनीय यह हैं कि मनपा में सीमेंट सड़क की संकल्पना नियमित डामर सड़क के निर्माण की गुणवत्ता के कारण लाई गई थी.लेकिन सड़क डामर या फिर सीमेंट का,मनपा में धांधली न हो ऐसा संभव नहीं।ऐसा ही एक मामला साढ़े 3 माह पूर्व प्रकाश में आया.जिसका पुख्ता सबूत मनपायुक्त को देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर विगत माह एमओडीआई फाउंडेशन का शिष्टमंडल मनपायुक्त से मुलाकात कर उन्हें अविलंब टेंडर शर्तों में अंकित शर्तो के आधार पर ठोस कार्रवाई करने की मांग की,जिसे नज़रअंदाज करने पर इस मामले पर न्याय हेतु न्यायालय जाने की चेतावनी दी तो आयुक्त ने उन्हें रोका और कहा कि GIVE ME SOME TIME और फिर विस्तार से मामले को सवाल-जवाब के रूप में समझा।
मनपायुक्त को जानकारी दी कि डीसी गुरुबक्षाणी कंपनी ने सीमेंट सड़क फेज-2 का ठेका हासिल करने के लिए मुंबई की ASHWINI INFRA के साथ JV किया लेकिन JV और टेंडर शर्तों को पूरा नहीं किया।JV का ROC पंजीयन भी नहीं करवाया। इसके बावजूद भी मनपा PWD के तत्कालीन अधिकारियों में आर्थिक समझौता कर उन्हें WORKORDER दे दिया। इस टेंडर को हासिल करने में तत्कालीन STANDING COMMITTEE CHAIRMAN और उनके OSD के मार्फ़त पार्टी फंड के नाम पर कुल टेंडर का 4% भी घुस दी.
इसके बाद मनपा वित्त विभाग ने टेंडर और JV शर्तों को नज़रअंदाज कर डीसी गुरुबक्षाणी के पुराने खाते में अब तक RUNNING BILL जमा करते रही,जो कि सरासर उल्लंघन हैं.
उक्त मामले का सबूत सह आरटीआई कार्यकर्ता,NAGPUR TODAY ने लिखित रूप से ध्यानाकर्षण करवाया।जिसे मनपायुक्त सह CE,SE और CAFO ने सिरे से नज़रअंदाज करते रहे.नतीजा RTI कार्यकर्ता अगले सप्ताह उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर करने जा रहा,ऐसी सूचना NAGPUR TODAY को मिली।