कृषि बिल: किसानों के लिए ‘नाक ‘ का , केंद्र के लिए ‘साख ‘ का सवाल
सुधीर दिवे बोले-किसानों के बीच फैलाया जा रहा भ्रम
गोंदिया– कृषि कानून वापसी को लेकर किसानों का धरना दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 18 दिनों से जारी है। किसान आंदोलन अब किसानों के लिए नाक का सवाल बन गया है तो वहीं केंद्र सरकार के लिए साख का सवाल बन गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ 6 दौर की बैठक कर चुकी है जिसमें कोई हल नहीं निकला।
जिसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने देश भर के किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सभी प्रदेशों के किसान मोर्चा से जुड़े आला पदाधिकारियों को कृषि बिल की खूबियां गिनाने के लिए मैदान में उतार दिया है।
स्थानीय जयस्तंभ चौक निकट स्थित सांसद जनसंपर्क कार्यालय में सोमवार 14 दिसंबर को आयोजित पत्र परिषद के दौरान प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के महासचिव सुधीर दिवे ने अपनी बात रखी इस अवसर पर सांसद सुनील मेंढे , पूर्व विधायक रमेशभाउ कुथे , पूर्व जि.प अध्यक्ष नेतराम कटरे , जिला महासचिव संजय कुलकर्णी , किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष संजय टेंभरे ,ग्रामीण मंडल अध्यक्ष नंदकुमार बिसेन , गजेंद्र फुंडे आदि उपस्थित थे।
सुधीर दिवे ने कहा- किसानों की मुख्य चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार की तरफ से ६ दौर की बातचीत की गई है , कृषि कानूनों में कुछ संशोधन पर भी सरकार राजी हुई है इस संबंध में लिखित प्रस्ताव भी भेजा है।
जहां सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने के मूड में हैं वहीं संगठनों के नेता इन कानूनों को रद्द करने का हठ नहीं छोड़ रहे और कृषि कानूनों के बहाने विपक्षी दल अपनी राजनीति चमकाने पर आमादा है।
खाद्यान्न को न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा
कृषि कानूनों को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच सुधीर दिवे ने आयोजित पत्र परिषद में कहा- नए कृषि सुधार कानूनों से किसानों को नए विकल्प चुनने का मौका मिलेगा , किसानों को धोखे और छल से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण भी मिला है किसान अपनी उपज को अपनी इच्छा अनुसार कहीं भी बेच सकता है।
किसानों के संदेह को दूर करने के लिए प्रस्ताव में एमएसपी को जारी रखने की गारंटी दी गई है , न्यूनतम समर्थन मूल्य आधार पर खाद्यान्न की खरीदी जारी रहेगी।
एपीएमसी को मजबूत करने का वादा करते सरकार ने किसानों को बाजार मंडियों के साथ अपनी उपज अपनी इच्छा अनुसार बेचने का विकल्प दिया है साथ ही कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में फैलाई जा रही गलत धारणाओं को केंद्र सरकार ने दूर किया है।
सरकार 2022 तक किसानों की आय दुगनी करेगी
प्रदेश किसान मोर्चा के महासचिव सुधीर दिवे ने कहा -प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कृषि बिलों के माध्यम से क्रांतिकारी बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया है , सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है सरकार का लक्ष्य किसान द्वारा उत्पादित कृषि उपज को उचित मूल्य देना है साथ ही आमदनी में वृद्धि कर उसका जीवन स्तर ऊंचा उठाना हैं , चाहे आत्मनिर्भर भारत के तहत एक लाख करोड़ का कृषि बुनियादी ढांचा कोष हो
या देश भर में 10,000 कृषि उत्पादों को स्थापित करने का निर्णय हो सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है।इस कानून का लाभ आम किसानों को मिलने भी लगा है इसलिए आम किसान इस कानून के खिलाफ दुष्प्रचार का शिकार नहीं होंगे किंतु पिछले कुछ समय से राजनीति का अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है भ्रम, आशंकाएं फैलाकर विपक्ष द्वारा अप्रचार किया जाता है कि भविष्य में ऐसा होगा ? जो अभी हुआ ही नहीं है ? जो कभी होगा ही नहीं ? उसको लेकर किसानों में जानबूझकर भ्रम की स्थिति फैला कर देश में अराजकता फैलाने का घिनौना खेल खेला जा रहा है।
रवि आर्य