सैतवाल जैन मंदिर में सभी जिनबिंबों का अभिषेक
जैन धर्म संयम से भरा हुआ हैं-आचार्यश्री पंचकल्याणकसागरजी
नागपुर : इतवारी शहीद चौक भगवान पार्श्वनाथ मार्ग स्थित श्री. पार्श्वप्रभु दिगंबर सैतवाल जैन मंदिर संस्था में रविवार को सुबह सभी जिन बिंबों का और 108 कलशों से अभिषेक संपन्न हुआ. पर्युषण पर्व में लॉकडाउन में मंदिर बंद रहने से आयोजन नहीं हो पाया था. जिनेन्द्र भगवान के अभिषेक के लिए अनेक श्रावकों ने स्वीकृती दी. भक्तिमय, श्रद्धामय वातावरण में जलाभिषेक राजेन्द्र पिंजरकर, केलाभिषेक ऋषभ आगरकर, शर्कराभिषेक सक्षम पंकज शिवनकर, घृताभिषेक सुधीर सिनगारे, प्रशांत मानेकर, दुग्धाभिषेक नारायणराव पलसापुरे, दही अभिषेक विनोद श्रावणे, सर्वोषधि अभिषेक आनंदराव सवाने, मंगल आरती ऋषभ जोगी, चतुर्थ कलश प्रमोद राखे, चंदन लेपन अनुज, यश, दर्शन नखाते, पुष्पवृष्टि वैभव हीरासाव कहाते, महाशांतिधारा नखाते परिवार, पूर्ण कलश दिलीप राखे, अर्चना फल प्रदीप तुपकर, पूर्णार्घ्य विनित श्रावणे और फूलमाल अंतरा विनित श्रावणे थे.
आचार्यश्री पंचकल्याणकसागरजी गुरुदेव ने कहा दिगंबर जैन साधु का संयम है और श्रावक का असंयम हैं. संयम और असंयम ट्रैक्टर के आगे पीछे के पहिये जैसा होता हैं. दिगंबर जैन धर्म संयम पर हैं उसके एक कदम भी आगे पीछे नहीं जा सकते. साधु जीवन में सारी चीजें यज्ञाचारपूर्वक हैं. जिसने समय को जाना, उसने सबको जाना. समय यानि आत्मा हैं. आत्मा को जानना समयसार हैं. आत्मा को जान लिया वही समयसार हैं. जितने भी मोक्ष गए उन्होंने समय को जाना हैं. मोह छोड़ोगे तो मोक्ष जाओगे. जब तक संसार हैं तब तक मोह हैं. मोह छूटा तो मोक्ष मिलेगा. अपने जीवन में समय का ध्यान रखे, मोह छोड़े. जैन धर्म संयम से भरा हुआ हैं. जिसने समय को जाना उसने सब को जाना. समय को महत्व दिया तो मोक्ष का महत्व रहता हैं. मोह हैं तो संसार हैं. मोह छूटे तो मोक्ष हैं, मोह को छोड़े.
कार्यक्रम में अध्यक्ष दिलीप शिवनकर, आनंद नखाते, महामंत्री दिलीप राखे, प्रशांत मानेकर, सुधीर सिनगारे, प्रभाकर डाखोरे, अशोक पलसापुरे, विलास गिल्लरकर, ऋषभ आगरकर, दिनेश सावलकर, हीरासाव कहाते, आनंदराव सवाने, नितिन नखाते, विनोद श्रावणे, प्रमोद राखे, महावीर कापसे, सतीश जैन पेंढारी, पंकज खेडकर, राजेन्द्र पिंजरकर, अनंतराव शिवनकर, सुधीर गिल्लरकर, प्रदीप तुपकर, योगेश सवाने, अनिकेत मानेकर, अनुज नखाते, यश नखाते, वैभव कहाते, विनित श्रावणे, अर्चना नखाते, रिना पिंजरकर, रांची नखाते, नयना संगई, सुनंदा मानेकर, मंगला शिवनकर, शुभांगी सिनगारे आदि उपस्थित थे.