नागपुर: पुणे स्थित भोसरी में जमीन खरीद में हुए अव्यवहार की जाँच कर रही डी झोटिंग समिति ने एकनाथ खड़से की अपील खारिज़ कर दी है। इस मामले में फ़से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने जाँच समिति के दायरे पर आपत्ति दर्ज कराते हुए नए सिरे से जाँच करने की माँग की थी। समिति ने इस अपील पर 21 अप्रैल को आदेश जारी करते हुए जाँच की अंतिम रिपोर्ट के समय फ़ैसला देने का फैसला लिया था लेकिन इस फैसले के ख़िलाफ़ खड़से के वकील ने एक और अपील दर्ज कराकर पहले समिति द्वारा फ़ैसला लेने के बाद जाँच आगे बढ़ाने की माँग थी। इसी अपील पर गुरुवार को फ़ैसला देते हुए समिति ने इसे ख़ारिज कर दिया।
खड़से की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील एम जी भांगड़े ने याचिका में इस मामले की जाँच के लिए शामिल किये गए मुद्दों को अनावश्यक करार दिया था। रिकॉस्टिंग और स्ट्राइकिंग को आधार बनाते हुए उन्होंने नए सिरे से जाँच की माँग की थी। एमआयडीसी की तरफ से पैरवी कर रहे वकील चंद्रशेखर जलतारे ने आज आये फैसले का स्वागत किया है। खड़से के वकील द्वारा दोनों पक्षों के बीच युक्तिवाद भी हुआ। जलतारे के मुताबिक जाँच के दायरे पर आक्षेप लेने वाली याचिका पर समिति ने जो भी कदम उठाए है वह सही है। हालांकि समिति ने इस आदेश के बावजूद इसी मुद्दे पर खड़से और एमआयडीसी को पक्ष रखने के साथ ही बहस की अनुमति भी दी है। अगली सुनवाई की तारीख 29 अप्रैल रखी गई है।