Published On : Fri, Feb 17th, 2017

अग्रवाल समुदाय के वोट इस बार कांग्रेस की झोली में

Advertisement

BJP and Congress
नागपुर:
नागपुर महानगर पालिका चुनाव में इस बार कई उल्लेखनीय उलटफेर के आभास मिलने लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी के पारंपरिक जनाधार एक-एककर खिसक रहे हैं. पहले भाजपा ने इस महानगर पालिका चुनाव में अपने ‘खास’ वोटर माने जाने वाले अग्रवाल समुदाय की घनघोर अनदेखी की और अब अग्रवाल समुदाय के केंद्रीय संगठन अग्रसेन मंडल की ओर से भाजपा पर ऐसा ब्रह्मास्त्र फेंका गया है कि भाजपा के दिग्गजों के माथे का पसीना सूखते नहीं सूख रहा है. अग्रसेन मंडल की ओर से एक विज्ञप्ति जारीकर नागपुर के समस्त अग्रवाल मतदाताओं से कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट देने की अपील की गयी है. विशेष बात यह है कि इस अपील का जोरदार असर भी हो रहा है और शहर के तमाम अग्रवाल मतदाता कांग्रेस पार्टी के पक्ष में लामबंद होने लगे हैं. हालाँकि भाजपा के कई दिग्गज अपने ‘पारंपरिक’ वोटर को मनाने की हर जुगत लगा रहे हैं, लेकिन इस बार इन दिग्गजों की भी ‘दाल’ गलती नहीं दिखाई दे रही है.

ढाई लाख से ज्यादा वोटर
नागपुर शहर में अग्रवाल समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. शहर के व्यापार, कारोबार, उद्योग और व्यवसाय में इस समुदाय का अमूल्य योगदान है. शहर के प्रत्येक धर्मदाय एवं सेवाभावी कार्यों-कार्यक्रमों में इनका योगदान सर्वोपरि रहता है. इस समुदाय का प्रतिनिधित्व राजनीति में भी उल्लेखनीय स्वरूप का रहा है, लेकिन पिछले डेढ़-दो दशक से इस समुदाय को भाजपा अपना ‘कट्टर’ वोट बैंक मानती आ रहा है. नतीजतन घर की मुर्गी दाल बराबर समझकर इस बार के महानगर पालिका चुनाव में अग्रवाल समुदाय के योग्य लोगों को भी उम्मीदवारी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा नकार दी गयी. सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेतृत्व के इस उपेक्षापूर्ण रवैये के पीछे नागपुर के अग्रवाल समुदाय का ‘हिंदी’ भाषी होना है. मजेदार तथ्य यह है कि कई-कई प्रभाग में अग्रवाल समुदाय के सात से आठ हजार वोट हैं, फिर भी इस समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के बारे में भाजपा नेतृत्व ने पूर्व नियोजित उदासीनता बरक़रार रखी है. तय है इस बार हर इस प्रभाग में भाजपा को कांग्रेस उम्मीदवारों से मात खानी पड़ेगी, जहाँ अग्रवाल समुदाय के वोट प्रभावी रुप में मौजूद हैं.

नोटबंदी का भी गहरा असर
देश की ही तरह नागपुर शहर के व्यापार और कारोबार पर भी नोटबंदी का गहरा असर हुआ है. व्यापार और कारोबार प्रभावित हुए तो इससे जुड़े लोग भी हर तरह से प्रभावित हुए. व्यापारी और कारोबारी सबसे ज्यादा इस बात से भाजपा से खफा हैं कि पार्टी ने उन्हें एक झटके में ही ‘भ्रष्टाचारी’ करार दिया. जिससे भी अग्रवाल समुदाय के लोगों की छवि सामान्य जनमानस में धूमिल हुयी है. समुदाय के ज्यादातर लोग भाजपा के इस रवैये से बेहद खफा हैं.

‘भाजपा ने शहर का सत्यानाश किया’
दबी जुबान से हालाँकि यह हर नागरिक कह रहा है कि भाजपा ने नागपुर शहर का सत्यानाश किया, लेकिन खुलकर इस विषय पर कोई पक्ष लेने की हिम्मत नहीं कर रहा है. पर, अग्रसेन मंडल की ओर से जारी विज्ञप्ति में हर वह मुद्दा उठाया गया है, जिसका आम शहरी से सीधा वास्ता है. अग्रसेन मंडल की अध्यक्ष उर्मिलादेवी अग्रवाल और उपाध्यक्ष संदीप अग्रवाल के हस्ताक्षर युक्त इस विज्ञप्ति में भाजपा की नीतियों पर सार्थक सवाल उठाए गए हैं. विज्ञप्ति में कहा गया है कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों की वजह से ही किसान आत्महत्या कर रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ रही है. भाजपा ने पेयजल, शहर बस सेवा, कचरा निष्पादन, विद्युत् आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी अपने काँधे से झटककर इन जरुरी सेवाओं का निजीकरण कर दिया, जिससे आम नागरिक हलाकान है.

विज्ञप्ति में कांग्रेस को वोट देने की स्पष्ट अपील
भाजपा की तमाम नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए विज्ञप्ति के जरिए शहर के समस्त अग्रवाल समुदाय के मतदाताओं से स्पष्ट अपील की गयी है कि इस बार अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस पार्टी और उसके अधिकृत उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया जाए.

भाजपा का ‘समझाइश’ पैंतरा
सूत्रों के अनुसार भाजपा के कई दिग्गज, मनपा चुनाव समिति की लापरवाही को दुरुस्त करने की जुगत में लगे हुए हैं. अग्रवाल समुदाय के रसूखदार नागरिकों को समझाने की भाषा में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देने की अपुष्ट जानकारी भी प्राप्त हो रही है. भाजपा की ओर से अग्रवाल समुदाय में फूट डालने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन नाम न छापने की शर्त पर अग्रवाल समुदाय के एक रसूखदार व्यक्ति ने ‘नागपुर टुडे’ से कहा कि इस बार निन्यानवे प्रतिशत अग्रवाल बांधवों में एका है और कोई कितनी भी कोशिश कर ले भाजपा के पक्ष में संपूर्ण समुदाय में से एक प्रतिशत से ज्यादा का वोट नहीं जाएगा. शेष निन्यावे प्रतिशत लोग कांग्रेस को ही वोट देंगे.