नागपुर : विधिमंडल सत्र से पहले सरकारी चाय का विपक्ष द्वारा बहिष्कार किये जाने का रिवाज़ शीतकालीन अधिवेशन के दौरान भी जारी रहेगा। पाँच दिसंबर से शुरू होने वाले अधिवेशन के एक दिन पहले यानि रविवार को सरकारी चाय में विपक्ष शामिल नहीं होगा। चाय की मिठास के साथ सरकार भले ही विपक्ष के दिल को मीठा करने का प्रयास करे लेकिन विपक्ष द्वारा चाय पार्टी का विरोध करने का फैसला लिया है।
विधानसभा में काँग्रेस पार्टी के उपनेता विजय वडेट्टीवार के मुताबिक सीएम की चाय में विपक्ष की कोई रूचि नहीं है। वैसे भी सरकार की चाय में कोई मिठास ही नहीं है। मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणाबाज है ऐसे सीएम की चाय में कोई दिलचस्पी विपक्ष की है नहीं। राज्य के 70 प्रतिशत उद्योग ठप्पा पड़े है लभगग 34 लाख युवक बेरोजगार है। सीएम की नगरी में हत्या, महिला अत्याचार की घटना बढ़ी है। किसान लगातार आत्महत्या कर रहे है कुपोषण बढ़ रहा है ऐसे में सरकार की चाय कैसे पी जा सकती है।
विपक्ष सरकार की विफलताओं पर सरकार को सदन में घेरेगा। काँग्रेस -राष्ट्रवादी काँग्रेस साथ में है। अधिवेशन के दौरान रणनीति बनाने के लिए रविवार को रविभवन में बैठक का आयोजन किया गया है जिसमे विपक्ष रणनीति बनाएगा।