नागपुर: राज्य सरकार द्वारा किसानो के लिए की गई कर्जमाफी पर विरोधी सवाल उठा रहे है। सोमवार को नागपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने फिर एक बार सवाल उठाया। पवार के अनुसार सरकार द्वारा कर्जमाफी का ठीक ढंग से नियोजन नहीं किये जाने से जिन किसानो ने कर्ज लिया ही नहीं उन्हों कर्जमुक्ति का प्रमाणपत्र दिए जाने की बात कही। पवार ने सरकार की क्लास लेते हुए कहाँ कि कर्जमाफी को लेकर खूब ढिंढोरा पीटा गया। लेकिन इसमे काफी कमियां रही। जिन किसानो ने खेती के लिए कर्ज लिया ही नहीं सरकार ने उन्हें भी प्रमाणपत्र वितरित कर दिया।
कमियों को गिनाते हुए राष्ट्रवादी पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने इसे सुधारने के लिए 15 दिनों का समय दिया। उनके अनुसार अगर इन गलतियों को दुरुस्त नहीं किया गया तो हम अपना कदम तय करेंगे।
कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव से हुई मौत पर भी सरकार लापरवाह
विदर्भ के कई हिस्सों में फसलों पर कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव से कई मौते हो चुकी है। पवार के अनुसार इस मामले में भी सरकार का रवैया लापरवाही भरा ही रहा। कीटनाशक दवाइयों पर निगरानी रखने के लिए सरकार की संस्था और कानून है। इन संस्थाओ की इजाज़त के बिना कीटनाशक की बिक्री नहीं की जा सकती। जब हमारी सरकार थी तब हमने इस नियमो का कड़ाई से पालन किया।
जिन कंपनियों के कानून को तोडा उन पर कार्रवाई भी हुई। पर बीते तीन वर्षो में क्या हुआ इनकी कोई जानकारी नहीं। बड़ी मात्रा में नॉनसर्टिफाइड कीटनाशक दवाइयों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। किसानो की मौत इसी का परिणाम है। पवार ने दोषी लोगो और कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करने की वकालत भी की। हालही में हुई बारिश की वजह से विदर्भ में कपास और सोयाबीन की फसल को हुए नुकसान की भरपाई की माँग भी उन्होंने सरकार से की।