Published On : Fri, Mar 24th, 2017

नागपुर की राष्ट्रभाषा सभा को ‘सुप्रीम’ झटका, 40 करोड़ तुरंत भरने के आदेश

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Supreme Court
नागपुर:
 शंकरनगर चौक स्थित महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को राहत नकारते हुए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त संगठन को तुरंत 40 करोड़ रुपए नागपुर सुधार प्रन्यास में जमा कराने को कहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश उस अपील पर सुनवाई करते हुए दी कि जिसके जरिए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ द्वारा 163 करोड़ रुपए के जुर्माने में राहत पाने की कोशिश की।

मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने हाल ही महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को 163 करोड़ रुपए का जुर्माना नागपुर सुधार प्रन्यास में जमा कराने के आदेश दिए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को यह मशविरा भी दिया कि एक महीने के भीतर 40 करोड़ रुपए नासुप्र में जमा कराने के बाद संगठन चाहे तो राहत पाने की अपील सम्बंधित सक्षम पदाधिकारियों के सामने कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि मुंबई उच्च न्यायालय ने नागपुर सुधर प्रन्यास द्वारा महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को लीज पर 31 फरवरी 1991 से 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए दी गयी जमीन का किराया वसूलने का आदेश दिया था। जो कुल 163 करोड़ रुपए होता है। उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा के साथ मेसर्स वोकहार्ट हॉस्पिटल्स से भी जुर्माने की रकम में हिस्सेदारी करने के आदेश दिए थे, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने फ़िलहाल वोकहार्ट अस्पताल को यह कहते हुए राहत दी है कि लीज उनके नाम पर नहीं है, लेकिन अगर महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा जुर्माना भरने में आनाकानी करती है तो फिर वोकहार्ट अस्पताल सहित अन्य सभी प्रतिवादियों से जुर्माना वसूल किया जाना चाहिए।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी की थी लेकिन वह भी उन्हें राहत दिलाने में असफल हुए। सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपील के जरिए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा ने मांग की थी कि उनपर जुर्माने की गणना 1991 की बजाय 2004 से की जाए और जुर्माना भरने के लिए भरपूर मोहलत दी जाए।