Published On : Wed, Aug 24th, 2016

स्पेशल 8 आयकर अफसरों की फर्जी गैंग शिकंजे में

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Washim Police Arest Natwarlalआयकर अधिकारी बनकर उद्योजक और भ्रष्ट अधिकारी सहित कई लोगों को चूना लगानेवाली उपराजधानी में सक्रिय गैंग वाशिम पुलिस के हाथ लगी है. वाशिम पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को पकड है. उनके छह-सात साथी फरार हैं.

गिरफ्तार आरोपी सुरेश सुरेंद्र कोहले (29)पुलिस लाइन टाकली, प्रकाश अशोक आष्टीकर (45) रामनगर, अंबाझरी तथा संदीप रत्नाकर देशमुख (49) हैं. संदीप शिक्षक है. वह कोचिंग क्लास चलाता है. इस गिरोह के आठ से दस सदस्य हैं. यह गिरोह चार पहिया वाहन में घूमकर व्यापारी, नेता, अवैध कारोबार में लिप्त लोगों की जानकारी इकट्ठा करता है. उनमें से ‘सॉफ्ट टारगेट’ का चयन करके निशाना बनाता है.

गिरोह अधिकारियों की तरह सफारी पहनकर संबंधित व्यक्ति के यहां पहुंच जाता है. आयकर अथवा सीबीआई की स्पेशल टीम का सदस्य बताते हुए घर की तलाशी लेने लगता है.

मौका मिलते ही रुपए, गहने अथवा दूसरा कीमती सामान लेकर चंपत हो जाता है. कार्रवाई के दौरान शिकार के आईकार्ड आदि के संबंध में पूछताछ करने और पुलिस अथवा किसी प्रभावशाली व्यक्ति से संपर्क किए जाने पर यह गैंग दूसरी जगह छापा मारने के बहाने फरार हो जाती है.

इस गिरोह ने 9 अगस्त की सुबह 8.30 बजे वाशिम निवासी सोपान कंवर के घर पर दबिश दी. आयकर विभाग की स्पेशल टीम का सदस्य बताते हुए कंवर के घर की तलाशी लेने लगे. कंवर बिल्डर है. उनकी वाशिम में काफी खेती है. उनका आयकर विभाग में कोई प्रकरण नहीं चल रहा है. उन्होंने आरोपियों को तत्काल आयकर से संबंधित दस्तावेज दिखाते हुए तलाशी लेने का विरोध किया. आरोपी कंवर और दस्तावेजों को नजरंदाज करके घर की तलाशी लेने लगे. कंवर ने उन्हें आई-कार्ड दिखाने को कहा. आरोपियों ने उनके इस सवाल को भी नजरंदाज कर दिया. आरोपियों का रवैया देखकर कंवर आयकर विभाग के आला अधिकारी और अपने सीए को फोन लगाने लगे. यह देखते ही आरोपी एक दूसरे को ‘दूसरी जगह छापा मारना है’ बोलकर कार में सवार होकर फरार हो गए. उनके जाने के बाद कंवर ने आयकर अधिकारी तथा सीए से संपर्क किया. उन्हें आपबीती बताई. आयकर विभाग ने कोई भी टीम को कार्रवाई के लिए भेजे जाने से इनकार कर दिया. कंवर ने वाशिम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने जांच आरंभ की. उसने नाकाबंदी करके कार की खोजबीन की. कोई पता नहीं चलने पर पुलिस नंबर के आधार पर 20 अगस्त को नागपुर पहुंची. आरोपियों को बंदी बनाकर साथ ले गए. आरोपियों से कार बरामद की गई है. यह कार्रवाई वाशिम पुलिस के निरीक्षक रवींद्र देशमुख और उनके साथियों ने की.

फिल्म ‘स्पेशल 26’ की कहानी की तरह

आरोपी काफी समय से स्पेशल 26 फिल्म की तरह गैंग चला रहे थे. शिकार को फांसने के दौरान खतरा दिखाई देने पर वह तत्काल फरार हो जाते थे. व्यापारी, नेता, अभिनेता, माफिया, भ्रष्ट अधिकारी सहित कई लोगों के इस गिरोह का शिकार होने का पता चला है. विवाद से बचने के लिए अधिकांश पीड़ित शिकायत दर्ज नहीं कराते हैं. इसीलिए आरोपी अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगे. इस तरह की गैंग दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में काफी समय से सक्रिय है.