Published On : Sat, Jun 24th, 2017

नन्ही कराटे चैंपियन साक्षी की बड़ी उड़ान

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नागपुर:
 छोटी सी उम्र में कराटे जैसे कठिन खेल को चुनना और इसी खेल में अपना एक मुकाम हासिल करना, परिस्थिति चाहे कितनी भी गंभीर क्यों न हो लेकिन न्यू कैलाश नगर में रहनेवाली साक्षी फुलझेले ने कभी परिस्तिथियों को खुद पर हावी नहीं होने दिया. 25 जून को साक्षी क्रोशिया देश के लिए रवाना होनेवाली है. सुबह वह अपने कोच जाकिर खान के साथ ट्रैन से मुंबई फिर वहां से रविवार को ही रात में हवाईजहाज से क्रोशिया के लिए रवाना होगी. यह टूर्नामेनेट 26 जून से लेकर 5 जुलाई तक चलेगा. उसके बाद साक्षी अपने घर लौटेगी.

साक्षी एक कराटे खिलाड़ी है. साक्षी की उम्र महज 13 वर्ष है और कराटे सीखना उसने 5 वर्ष की उम्र में शुरू किया था. वह अब तक जिलास्तरीय, राज्यस्तरीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी है. इन प्रतियोगिताओं में साक्षी अब तक 45 गोल्ड मेडल, 9 सिल्वर मेडल और 10 ब्रोंज मेडल जीत चुकी है. साक्षी ने अब तक 50 से ज्यादा ट्रॉफी जीती है, तो वहीं उसे 100 से भी ज्यादा सर्टिफिकेट है. उसके एक कमरे के छोटे से घर में बर्तन कम और साक्षी द्वारा जीते हुए मेडल, ट्रॉफी और सर्टिफिकेट ही ज्यादा दिखाई देंगे.

साक्षी के पिता संजय फुलझेले एक निजी कंपनी में हाउसकीपिंग का काम करते हैं. वहीं उसकी मां पूनम भी परिस्थिति खराब होने की वजह से काम करती है. बावजूद इसके दोनों ने मिलकर साक्षी को बेहतर कराटे चैंपियन बनाने का कोई कसर नहीं छोड़ते. केवल साक्षी ही नहीं उसका छोटा भाई भी कराटे में ऑरेंज बेल्ट धारी है.


पिता ने किया था प्रोत्साहित
नौवीं कक्षा में पढ़नेवाली साक्षी के पिता संजय ने बताया कि उनकी कराटे सीखने की काफी इच्छा थी. लेकिन किसी कारणवश वे नहीं सीख पाए. जिसके कारण उन्होंने निश्चय किया कि वे अपनी बेटी साक्षी का कराटे क्लास में एडमिशन कराएंगे और उसे प्रोत्साहित करेंगे.

मां और पिता ने की काफी मेहनत
साक्षी को कराटे सिखाने के लिए उसके माता पिता ने काफी मेहनत की है. उसके पिता एक निजी कंपनी में काम करने के बावजूद भी उन्होंने साक्षी के कराटे की किट और अन्य वस्तुओ के लिए घर में आर्थिक परेशानी झेली पर साक्षी के प्रशिक्षण में कोई कमी नहीं आने दी. तो वही उसकी माँ पूनम ने भी एक से डेढ़ साल तक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का कार्य किया.

कहां-कहां टूर्नामेंट में हिस्सा लिया साक्षी ने
साक्षी ने अब तक नागपुर, बुटीबोरी, देवली, वर्धा, चंद्रपुर, बल्लारपुर, ब्रह्मपुरी, तिरोड़ा, गोंदिया, कोल्हापुर, नाशिक, बारामती, पुणे, तेलंगाना, दिल्ली, जम्मू कश्मीर की प्रतियोगिताओ में हिस्सा लिया और वहां से जीतकर आयी है, तो वहीं विदेशो में नेपाल में वह दो बार टूर्नामेंट में खेल जीत चुकी है, इसी तरह मलेशिया में भी उसने जीत का परचम लहराया.


टूर्नामेंट में हिस्सा लेने लगता है काफी पैसा
साक्षी के पिता संजय ने बताया की अब तक जितने भी टूर्नामेंट हुए है उसके लिए काफी पैसा लगा है. गरीब होने के कारण ज्यादा पैसों का इंतजाम नहीं कर सकते. कई बार टूर्नामेंट के लिए नागरिकों और संस्थाओ की ओर से भी मदद की गई थी. उन्होंने बताया कि क्रोशिया के टूर्नामेंट के लिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (बार्टी ) की ओर से लगभग 4 लाख 30 हजार रुपए का खर्च उठाया है. जिसके लिए साक्षी के पिता और साक्षी दोनों ने बार्टी के डायरेक्टर जनरल राजेश ढाबरे और का डॉ. मिलिंद जीवने का आभार माना.

साक्षी का अगला लक्ष्य ओलिंपिक
साक्षी ने बताया की उसका अगला लक्ष्य ओलिंपिक है. उसने बताया कि ओलम्पिक के लिए तैयारी करना और उस तक पहुंचना उसकी इच्छा है. साथ ही इसके वह आगे चलकर आयएएस की तैयारी भी करना चाहती है.


साक्षी के लिए अब परिस्थिति बन रही रोड़ा
साक्षी के पिता ने बताया कि क्रोशिया के टूर के बाद इटली में 3 वर्ष का कराटे का प्रशिक्षण होता है. जिसमें बेहतर तरीके से ओलिंपिक की तैयारी के लिए खिलाड़ी तैयार किए जाते है. लेकिन इसके लिए करीब 2 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इतनी बड़ी निधि की व्यवस्था करना उनके बस की बात नहीं है. जिसके कारण वह काफी निराश है. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है की कोई न कोई संस्था और अच्छे लोग उनकी बेटी की जरूर मदद करेंगे.

साक्षी को मिलना है अक्षय कुमार और दलाई लामा से
साक्षी को मेरीकॉम से मिलने की इच्छा है, एक्टर जैकी चैन, गायक सोनू निगम, अक्षय कुमार, सलमान खान, आमिर खान से उसको मिलने की इच्छा है. उसका मानना है कि आमिर खान, अक्षय कुमार और सलमान जरुरतमंदों की मदद करते हैं. बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने का सपना भी साक्षी के मन में है.





—शमानंद तायडे