नागपूर: मेट्रो रीजन की योजना मंजूर होने से पहले ही सरकार की अनुमति लिए बिना मेट्रो रीजन नगररचना विभाग की उपसंचालक सुजाता कडु ने हिंगना के कृषि क्षेत्र के लिए आरक्षित जगह को पत्थरों की खान के लिए आरक्षित कर दी। नियमबाह्य इस बदलाव को देखते हुए जय जवान जय किसान संगठन के प्रशांत पवार ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग शुक्रवार को ली गई पत्रपरिषद के दौरान की है. पवार ने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने यह काम किया है.
इस पत्र परिषद में विजय शिंदे और किशोर चोपड़े भी प्रमुखता से मौजूद थे. पत्र परिषद में जानकारी देते हुए संगठन के पदाधिकारियो ने बताया कि मेट्रो रीजन का विकास प्रारूप योजना 20. 2. 2015 को जारी किया गया था. इस योजना का पांच हजार नागरिकों ने विरोध भी किया था. इस योजना के प्रारूप को अब तक सरकार की ओर से भी मंजूरी नहीं मिल पाई है, और ऐसा होते हुए भी मेट्रो रीजन के अधिकारियों ने आरक्षण में बदलाव करने का कारनामा किया है.
प्रशांत पवार ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंगना के मौजा खैरी हिंगना खसरा क्रमांक 85,54,113 यहाँ की 84.22 हेक्टर जगह कृषि क्षेत्र के लिए आरक्षित की गई थी. यह जगह खानन क्षेत्र में समविष्ट करने के लिए यू.वी. बेथारिया इनके पत्र द्वारा जिल्हाधिकारी कार्यालय ने मेट्रो रीजन से अभिप्राय मंगवाया था. मेट्रो रीजन नगररचना विभाग की उपसंचालक सुजाता कडू ने इस पूरे क्षेत्र को पत्थरों की खान का क्षेत्र घोषित कर दिया था. इसके लिए उन्होंने सरकार की अनुमति भीं नहीं ली. इसकी शिकायत नासुप्र व मेट्रो रीजन के प्रमुख दीपक म्हैसकर से भी करने की जानकारी पत्र परिषद के दौरान दी गई.