Published On : Wed, Apr 26th, 2017

परीक्षार्थियों के आईकार्ड में नहीं है फोटो, यहां कोई भी दोहरा सकता है ‘व्यापम घोटाला’

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नागपुर:
 मध्य प्रदेश में परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थियों का ख़ुलासा होने के बाद व्यापम घोटाला सामने आया था। जिसमें सरकार तक हिल गई थी। लेकिन नागपुर विश्वविद्यालय में कोई भी फर्जी परीक्षार्थी आसानी से परीक्षा देकर व्यापम की याद ताजा कर सकता है। दरअसल इन दिनों विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षार्थियों के जो आईकार्ड जारी किए गए हैं उसमें कईयों में फोटो नदारद हैं। जिससे किसी भी वक्त फर्जीवाड़ा होने की संभावना बन सकती है।

विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने के लिए जो आईकार्ड दिए जा रहे हैं, उसमें विद्यार्थियों का फोटो ही नहीं है। जिस वजह से विद्यार्थियों को कोई दूसरी फोटो आईडी यानी पहचान प्रमाण पत्र परीक्षा के दौरान दिखाना पड़ रहा है। इससे विद्यार्थियों को तो परेशानी होती ही है साथ ही परीक्षा में हेरफेर की संभावनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता।

दरअसल पहले विश्वविद्यालय की ओर से प्रवेश पत्र तैयार करने के काम के लिए एमकेसीएल को नियुक्त किया गया था। लेकिन अब एमकेसीएल के हटने के बाद परीक्षा के आईकार्ड में फोटो नहीं दिया जा रहा है। केवल नाम से ही परीक्षार्थी की पहचान हो सकती है। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विशवविद्यालय अधीन लगभग 600 महाविद्यालय आते है। सभी को विद्यार्थियों के सही फोटो भेजने के आदेश दिए गए थे। लेकिन इनमें से कई महाविद्यालयों ने विद्यार्थियों के फोटो गलत भेज दिए। इसमें पूरी तरह से विभाग और महाविद्यालयों ने लापरवाही की भूमिका निभाई है।

इस बारे में जब विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. नीरज खटी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि महाविद्यालयों को फोटो भेजने के लिए कहा गया था। महाविद्यालयों द्वारा भेजी गई तस्वीरों में कुछ तस्वीरें गलत निकली। जिसके कारण विद्यार्थियों को बिना फोटो के ही परीक्षा में बैठने के लिए आईकार्ड दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन विभागों और महाविद्यालयो ने विद्यार्थियों की गलत फोटो भेजी थी उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.