Published On : Tue, Feb 21st, 2017

तमाम अव्यवस्थाओं के बीच 11.30 बजे तक सोलह फीसदी मतदान

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Voting

नागपुर: नागपुर महानगर पालिका चुनाव में सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक सिर्फ सोलह फीसदी ही मतदान हुआ। ऐसा नहीं कि मतदाता मतदान के लिए घरों से निकल नहीं रहे हैं, लेकिन ज्यादातर मतदाता सिर्फ मतदान केंद्र ही ढूँढ़ते रह जा रहे हैं क्योंकि उन्हें जिस मतदान केंद्र में अपना मतदान होने की जानकारी शासन की तरफ से दी गई, वहाँ उनके नाम हैं ही नहीं। कई तरह की अव्यवस्थाओं के चलते मतदाताओं में खिन्नता और निराशा का माहौल है।

परिजनों के नाम अलग-अलग बूथ में
मतदान केंद्र पर पहुँचने के बाद मतदाता को मालूम हो रहा है कि उसके साथ आए परिजनों में से कई के नाम उस मतदान केंद्र पर हैं ही नहीं, जबकि उन्हें जो पर्ची मिली है, उसमें उसी मतदान केंद्र का जिक्र है। ऐसे में उस मतदान केंद्र पर परिवार के जितने मतदाताओं के नाम है, वे वोट डाल रहे हैं और उसके बाद शेष परिजनों के नाम जिस मतदान केंद्र में है, उसकी तलाश में निकल रहे हैं। कई मतदाताओं के मतदान का उत्साह इस वजह से फीका हो रहा है और उनकी खिन्नता का प्रभाव उस मतदाता पर भी पड़ रहा है, जो अभी तक मतदान केंद्र पहुंचा ही नहीं है।

एक पत्रकार का अनुभव
नागपुर से प्रकाशित होने वाले एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के पत्रकार ने मतदान केंद्र की अव्यवस्था को उजागर करते हुए अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, “मतदाता सूची में भयानक गड़बड़ियां हैं। राज्य चुनाव आयोग के पास जो मतदाता सूची है और बूथ पर बैठे अधिकारियों के पास जो मतदाता सूची है, उसमें समानता है ही नहीं। मैं जब वोट करने मतदान केंद्र पहुंचा तो वहां की सूची में मेरा नाम नदारद था। मेरी ही तरह सैकड़ों मतदाता इसी तरह निराश हो रहे थे।”

चुनाव आयोग की वादाखिलाफी
महानगर पालिका चुनाव की घोषणा करते समय राज्य चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया था कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर उस प्रभाग के उम्मीदवारों की संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा, साथ ही आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के फ्लेक्स बोर्ड मतदान केंद्र के बाहर लगाए जाएंगे, लेकिन न तो संपत्ति का ब्यौरा मतदान केंद्र में कहीं उपलब्ध हैं और न ही मतदान के बाहर आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों का कोई फ्लेक्स बोर्ड।